प्‍यार हो तो ऐसा! एसिड अटैक में चली गईं थीं आंखें और झुलस गया था चेहरा, फिर हॉस्पिटल में मिला सच्‍चा प्‍यार

प्‍यार शरीर से नहीं आत्‍मा से किया जाता है. इस बात को सच कर दिखाया है सरोज साहू और प्रमोदिनी राउल ने, जिनका प्‍यार सच्‍ची और पाक मोहब्‍बत का जीता-जागता उदाहरण है.

प्‍यार हो तो ऐसा! एसिड अटैक में चली गईं थीं आंखें और झुलस गया था चेहरा, फिर हॉस्पिटल में मिला सच्‍चा प्‍यार

प्रमोदिनी और सरोज (इंसेट में: प्रमोदिनी की एसिड अटैक से पहले की तस्‍वीर)

खास बातें

  • 15 साल की उम्र में प्रमोदिनी के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया गया था
  • इस हमले में उनकी आंखें चली गईं और चेहरा बुरी तरह झुलस गया
  • इलाज के दौरान उनकी मुलाकात सरोज से हुई फिर दोनों में प्‍यार हो गया
नई द‍िल्‍ली :

प्‍यार शरीर से नहीं आत्‍मा से किया जाता है. इस बात को सच कर दिखाया है सरोज साहू और प्रमोदिनी राउल ने, जिनका प्‍यार सच्‍ची और पाक मोहब्‍बत का जीता-जागता उदाहरण है. प्रमोदिनी महज 15 बरस की थी जब अर्द्ध सैनिक बल के एक सैनिक ने उन्‍हें शादी के लिए प्रपोज किया, जिसे उन्‍होंने नकार दिया. इस बात से नाराज उस शख्‍स ने उनके मुंह में एसिड फेंक दिया. इस हादसे में प्रमोदिनी अपनी दोनों आंखें गंवा बैठीं और उनका चेहरा गंभीर रूप से झुलस गया. हादसे के बाद उनका ज्‍यादातर समय अस्‍पताल के बिस्‍तर पर बीत रहा था. ऐसे में उन्‍होंने कभी सोचा नहीं होगा कि कोई उनके दिल के दरवाजे पर प्‍यार की दस्‍तक देगा.

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प्रमोदिनी के चेहरे की सर्जरी करने के लिए डॉक्‍टरों ने उनके पैर के मांस का इस्‍तेमाल किया. एक बार तो आधे-अधूरे ट्रीटमेंट के बाद उन्‍हें अस्‍पताल से डिस्‍चार्ज कर दिया गया, जिसके चलते उनके पैर में इंफेक्‍शन हो गया. पैर में भरे पस का इलाज कराने के लिए वो एक बार फिर अस्‍पताल पहुंच गई और इस दौरान उनकी मुलाकात सरोज कुमार साहू से हुई. सरोज अस्‍पताल की एक नर्स के दोस्‍त थे. डॉक्‍टरों ने प्रमोदिनी की मां को बताया कि उन्‍हें चलने में कम से कम चार साल लगेंगे. इस बात को सुनकर मां के सब्र का बांध टूट गया और वो फूट-फूट कर रोने लगी. उन्‍हें इस तरह रोता देखा सरोज ने उन्‍हें ढांढस बंधाते हुए मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया. 
 

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शुरू-शुरू में प्रमोदिनी और सरोज एक-दूसरे बात तक नहीं करते थे. सरोज रोज़-रोज़ अस्‍पताल जाते और प्रमोदिनी को दिलासा देते. फिर एक दिन सरोज ने अपनी नौकरी छोड़ दी और दिन के आठ घंटे वो अस्‍पताल में प्रमोदिनी की सेवा करते. अब दोनों एक साथ समय बिताने लगे और उनमें प्‍यार भी परवान चढ़ने लगा. हालांकि प्रमोदिनी अपनी हालत को देखते हुए किसी रिश्‍ते में बंधने से झ‍िझक रही थीं. लेकिन जब सरोज ने उन्‍हें शादी के लिए प्रपोज किया तो उन्‍हें एहसास हो गया कि अब उनके अलावा वो कहीं और नहीं रह सकतीं. 

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सरोज और प्रमोदिनी पिछले एक साल दिल्‍ली में साथ-साथ रह रहे हैं और जल्‍द से जल्‍द शादी करने की प्‍लानिंग कर रहे हैं. प्रमोदिनी ने डेली मेल को बताया, 'सरोज मुझे किसी रानी की तरह रखता है. मैं जैसी हूं वह मुझे वैसी ही प्‍यार करता है. वह हमेशा मुझे खुश रहकर जिंदगी जीने के लिए प्रोत्‍साहित करता है. अब वह मेरे शरीर का हिस्‍सा बन चुका है. अगर वह मेरी जिंदगी में नहीं होता तो मैं फिर कभी इस दुनिया को नहीं देख पाती.' 

प्रमोदिनी की कुछ और सर्जरी होनी बाकि हैं जिसके बाद वो सरोज के साथ शादी के बंधन में बंध जाएंगी. हालांकि प्रमोदिनी का गुनहगार अब भी खुला घूम रहा है, लेकिन वह सरोज के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताने को लेकर बेहद उत्‍साहित हैं. 
बहरहाल, हम तो यही कहेंगे कि प्‍यार तो सच्‍चा ही होता है और जो प्‍यार सच्‍चा न हो वह प्‍यार कैसा. सरोज और प्रमोदिनी ने साबित कर दिखाया है कि प्‍यार दो जिस्‍मों का नहीं बल्‍कि दो आत्‍माओं का मिलन है. हमारी ओर से प्रमोदिनी और सरोज को ढेर सारी शुभकामनाएं. 

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