International Women's Day: ब्लास्ट में दोनों हाथ खोने वाली इस लड़की ने PM मोदी के सोशल मीडिया पर बताई अपनी कहानी

मालविका ने अपने हाथ खो देने के बाद भी कभी हार नहीं मानी और आज वह एक मोटिवेशनल स्पीकर होने के साथ-साथ दिव्यागों की हक की लड़ाई भी लड़ रही हैं. वह दिव्यागों के हक को लेकर लोगों को जागरूक करने का भी काम कर रही हैं.

International Women's Day: ब्लास्ट में दोनों हाथ खोने वाली इस लड़की ने PM मोदी के सोशल मीडिया पर बताई अपनी कहानी

Women's Day: मालविका अय्यर ने पीएम मोदी के सोशल मीडिया पर बताई अपनी कहानी.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अतंरराष्ट्रीय महिला दिवस 2020 पर #SheInspireUs की मुहीम शुरू करते हुए 7 महिलाओं को अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल सौंपे हैं. इस दौरान सबसे पहले स्नेहा मोहन ने अपनी कहानी शेयर की, जिसके बाद अब मालविका अय्यर पीएम मोदी के सोशल मीडिया की कमान संभालते हुए अपनी कहानी बता रही हैं. मालविका ने बताया कि उन्होंने 13 साल की उम्र में बीकानेर बॉम्ब ब्लास्ट में अपने दोनों हाथ खो दिए थे और इस हादसे में मालविका के पैर भी बुरी तरह से जख्मी हो गए थे.

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मालविका ने अपने हाथ खो देने के बाद भी कभी हार नहीं मानी और आज वह एक मोटिवेशनल स्पीकर होने के साथ-साथ दिव्यागों की हक की लड़ाई भी लड़ रही हैं. वह दिव्यागों के हक को लेकर लोगों को जागरूक करने का भी काम कर रही हैं. अपनी कहानी को शेयर करते हुए मालविका ने लिखा, ''स्वीकृति सबसे बड़ा इनाम है जो हम खुद को दे सकते हैं. हम अपने जीवन को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन हम निश्चित रूप से जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को नियंत्रित कर सकते हैं. अंत में केवल यही मायने रखता है कि हम अपनी चुनौतियों का सामना किस प्रकार से करते हैं''. 

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शेयर किए गए वीडियो में मालविका ने कहा, ''इस हादसे के बाद केवल शिक्षा की मदद से मुझे मेरा आत्मविश्वास वापस मिला''. उन्होंने कहा, ''मैं एक कोचिंग सेंटर में पढ़ती थी लेकिन फिर भी मैंने एक राइटर की मदद से अपनी 10वीं की परीक्षाएं दी. मैंने केवल 3 महीनों में परीक्षाओं की तैयारी की थी और मुझे 97 प्रतिशत अंक मिले थे. इसके बाद मैंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा''.