दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन चाहिए? कटऑफ आने पर यूं निकालें अपना बेस्ट ऑफ फॉर

दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन चाहिए? कटऑफ आने पर यूं निकालें अपना बेस्ट ऑफ फॉर

नई दिल्ली:

देश के प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला चाह रहे छात्र-छात्राओं के मन में एडमिशन से जुड़े कई सवाल होते हैं। इन्हीं में से एक सवाल होता है कि बेस्ट ऑफ फॉर कैसे निकाला जाए, उसमें किस विषय को लिया जाए और किसे नहीं। कटऑफ सामने आते ही आपको इस मुश्किल से सबसे ज्यादा जूझना पड़ेगा। चलिए यहां आपकी इस उलझन को सुलझाने की कोशिश करते हैं... 

  • बेस्ट ऑफ फॉर सब्जेक्ट्स में इन्हें करें शामिल 
- एक भाषा (कोर/इलेक्टिव/फंक्शनल)
- आप जिस विषय में ऑनर्स करना चाह रहे हैं, वह विषय आपको बेस्ट ऑफ फॉर में एड करना होगा। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको 2.5 प्रतिशत अंकों का नुकसान उठाना पड़ेगा। यानी आपके लिए कटऑफ 2.5 प्रतिशत ऊंची मानी जाएगी। अन्य दो विषयों में आपको अपने अकादमिक/इलेक्टिव सब्जेक्ट शामिल करने होंगे। 
- अगर आप ऑनर्स कोर्स के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं तो आपको एक भाषा और अन्य तीन अकादमिक/इलेक्टिव विषय शामिल करने होंगे। 
- स्ट्रीम बदलने पर 5 प्रतिशत की पेनल्टी लगेगी। यानी आपके अंक असल बेस्ट ऑफ फॉर से 5 प्रतिशत कम काउंट किए जाएंगे। 
- बेस्ट ऑफ फॉर निकालने के लिए डीयू की लिस्ट ए भी देखें। इस लिस्ट में शामिल विषयों को ही अकादमिक/इलेक्टिव समझा जाएगा। आप जिन विषयों को बेस्ट फॉर में शामिल कर रहे हैं, वो इस लिस्ट में नहीं हैं तो आपको 2.5 फीसदी अंकों को नुकसान झेलना होगा। 

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ए लिस्ट में शामिल विषय 
फ्रेंच, अरेबिक, मैथ्स, पंजाबी, बंगाली, ज्योग्राफी, म्यूजिक, संस्कृत, बॉटनी, ज्योलॉजी, पर्सियन, सोशोलॉजी, केमिस्ट्री, जर्मन, फिलोस्फी, स्पैनिश, कॉमर्स, हिंदी, फिजिकल एजुकेशन, स्टैटिस्टिक्स, कंप्यूटर साइंस, हिस्ट्री, फिजिक्स, उर्दू, इकोनॉमिक्स, होम साइंस, पॉलिटिकल साइंस, जूलॉजी, इंग्लिश, इटैलियन, साइकोलॉजी, लीगल स्टडीज। 

- जहां एग्जामिनेशन बोर्ड कॉमर्स को बतौर सब्जेक्ट ऑफर नहीं करता, वहां अकाउंटेंसी को इसके बराबर माना जाएगा। 
- म्यूजिक को म्यूजिक ऑनर्स और फिजिकल एजुकेशन को फिजिकल एजुकेशन ऑनर्स में ही अकादमिक/इलेक्टिव सब्जेक्ट के तौर पर लिया जाएगा।

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- बायोलॉजी, बायोटेक्नोलॉजी और बिजनेस स्टडीज को अकादमिक/इलेक्टिव विषय समझा जाएगा।
- बीएससी (ऑनर्स) इन कंप्यूटर साइंस में एडमिशन के दौरान 'इंफोर्मेशन प्रैक्टिसिस' को कंप्यूटर साइंस के समान समझा जाएगा।
- सिर्फ बीकॉम ऑनर्स / बीकॉम में एडमिशन के दौरान ही बिजनेस मैथमेटिक्स को मैथमेटिक्स के समान समझा जाएगा। 

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- अगर किस छात्र ने 12वीं में वह लेंग्वेज नहीं पढ़ी है जिसमें वह डीयू में ऑनर्स कोर्स (इंग्लिश और हिंदी ऑनर्स छोड़कर) में दाखिला लेना चाह रहा है तो उसे बेस्ट ऑफ फॉर सब्जेक्ट्स में 5 फीसदी अंकों का घाटा उठाना पड़ेगा। यानी उसके मार्क्स उसके बेस्ट ऑफ फॉर से 5 फीसदी कम काउंट किए जाएंगे। 

- अगर आपने किसी लेंग्वेज का कोर और इलेक्टिव दोनों पढ़ा है तो ऐसे केस में कोर लेंग्वेज को ही लेंग्वेज के तौर पर माना जाएगा। जबकि इलेक्टिव लेंग्वेज को अकादमिक/इलेक्टिव सब्जेक्ट समझा जाएगा। 

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- बीए ऑनर्स सोशल वर्क और बीए ऑनर्स फिलॉस्फी में दाखिला लेने के लिए बेस्ट ऑफ फॉर में एक लेंग्वेज और तीन अकादमिक/इलेक्टिव विषय काउंट किए जाएंगे। 

- बीए ऑनर्स इकोनॉमिक्स और कॉमर्स में एडमिशन लेने के लिए 12वीं में मैथ्स में पास होना जरूरी है। 

और अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें http://ug.du.ac.in/site_files/UG_Bulletin.pdf
और पेज नंबर 47 से 50 देखें। 

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