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मनोरंजन भारती

पिछले ढाई दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय मनोरंजन भारती अपनी राजनीतिक पैठ और अपने राजनैतिक विश्लेषणों के लिए जाने जाते हैं। वे एनडीटीवी के सबसे भरोसेमंद और अनुभवी चेहरों में हैं जिन्होंने कई लोकसभा और विधानसभा चुनाव कवर किए हैं, देश के तमाम बड़े नेताओं के इंटरव्यू लिए हैं और अलग-अलग अवसरों पर कई महत्वपूर्ण राजनीतिक ख़बरें ब्रेक की हैं।

  • पंजाब में महीनों से चले आ रहे नवजोत सिंह सिद्धू बनाम कैप्टन अमरिंदर सिंह के झगड़े में लगता है फिलहाल युद्ध विराम आ गया है. वजह ये है कि शुक्रवार को पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सिद्धू अपना कार्यभार संभालने वाले हैं और उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक चिट्ठी लिख कर इस समारोह में आने का अनुरोध किया है.
  • दरअसल कांग्रेस आलाकमान को लगता है कि जिस ढंग से सिद्धू ने घोषणा होने के पहले ही अपने को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने का जश्न मनाने लगे. अपने सर्मथक विधायकों के साथ बैठकें करने लगे और जिस ढंग से पोस्टरबाजी हुई वो सब ठीक नहीं था.
  • प्रशांत किशोर जो कि देश में राजनैतिक या कहें चुनावी रणनीतिकार के रूप में जानें जाते हैं, ने गांधी परिवार से मुलाकात की है. इस बैठक के बाद से ही राजनैतिक कयासों का बाजार गर्म है. इतना बताया गया है कि ये बैठक राज्यों के चुनावों को लेकर नहीं थी बल्क‍ि यह 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर थी. कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर कांग्रेस में कोई बड़ा रोल निभाने वाले हैं. तो क्या प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल होंगे? कांग्रेस के अगले चाणक्य क्या पीके होने वाले है?
  • रविशंकर प्रसाद के बारे में तर्क दिया जा रहा है कि वो ट्‌वि‍टर के साथ जो पंगा लिया उसी का खामियाजा भुगतना पड़ा. भारत सरकार अमेरिका को नाराज नहीं कर सकती है, यह आज के वैश्विक माहौल के लिहाज से ठीक नहीं रहेगा, खास कर वैसे हालात में जहां चीन के साथ आपकी ठना ठनी बनी हुई है.
  • जानकार अब मानने लगे हैं कि नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने और उससे चिपके रहने के लिए राजनीति कर रहे हैं. वो शायद चाहते होंगे कि उनका नाम बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड उनके नाम रहे .
  • शिवसेना के नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि कांग्रेस के सिवाय अपोजिशन का कोई मोर्चा सफल नहीं होगा. अभी जो है उसे ही मजबूत करना होगा. मजबूत विकल्प खड़ा करना होगा. इसके लिए हमें कांग्रेस नेतृत्व से बात करनी होगी. लेकिन इसमें पेंच है कि नेतृत्व कौन करेगा.
  • अब बात करते हैं कि आखिर पारस ने लोजपा पर कब्जा कैसे किया तो अब यह जग जाहिर हो गया है कि इसके रणनीतिकार नीतीश कुमार हैं जो बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग के हमले से बौखलाए हुए थे. नीतीश कुमार ने एक तरह से लोजपा तोड़ कर चिराग के साथ-साथ बीजेपी से भी बदला ले लिया. क्योंकि बिहार चुनाव के दौरान कहा जा रहा था कि चिराग बीजेपी की शह पर ये सब कर रहे हैं.
  • पश्चि‍म बंगाल में तृणमूल कांग्रेस में मुकुल राय के वापसी की खबरें उसी दिन से आने लगी थीं जब तृणमूल कांग्रेस के नंबर 2 अभिषेक बनर्जी उनकी बीमार पत्नी से मिलने कोलकाता के एक अस्पताल में गए थे. हांलांकि इस खबर के आने के बाद प्रधानमंत्री ने खुद मुकुल राय को फोन किया था. मगर लगता है कि उससे बात नहीं बनी.
  • दिल्ली से 3 अप्रैल को जब मैं बंगाल चुनाव के कवरेज के लिए कोलकाता पहुंचा तो मन में एक धारणा थी. मैंने कोलकाता में एनडीटीवी के अपने वरिष्ठ सहयोगी मोनीदीपा को कहा कि यहां तो बीजेपी ही जीतेगी तो उसने मुझे घूर कर देखा.. मानो कह रही हो कि अभी अभी दिल्ली से आए हो, पहले थोड़ा घुमो, थोड़ा गांव देहात की ओर जाओ फिर बात करेंगे.
  • लोगों का कहना है कि यहां जो हो रहा है चुनाव में, वो ठीक नहीं हो रहा है. मुद्दों की कोई बात नहीं हो रही है, कोई रोज़गार,स्वास्थ्य या शिक्षा की बात नहीं कर रहा है.
  • कई जानकार बंगाल में त्रिशंकु विधानसभा की भी बात कर रहे हैं, लेकिन उन हालात में क्या CPM और कांग्रेस अपना समर्थन तृणमूल कांग्रेस को देंगी, इससे भी फिलहाल इंकार नहीं किया जा सकता. लेकिन सबसे अहम यही है कि CPM और कांग्रेस को अच्छा प्रदर्शन करना होगा, और यही इन पार्टियों के लिए भी अच्छा होगा... और कई जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल के लिए भी यही अच्छा होगा.
  • ममता बनर्जी वही काम कर रही हैं जो काम कुछ सालों पहले तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किया करते थे, जब वह गुजरात के चुनाव को गुजरात की अस्मिता से जोड़ते थे. आज पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी इस चुनाव को बंगाल की अस्मिता से जोड़ रही है और उसे वहीं बनाने की कोशिश कर रही हैं
  • पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में BJP की रणनीति बिल्कुल साफ है. BJP ने नॉर्थ बंगाल में अपने भविष्य को आजमाने की कोशिश की है. उत्तर बंगाल में 8 लोकसभा  सीटें हैं. 2019 में नॉर्थ बंगाल की आठ में से सात लोकसभा सीटें BJP ने जीती थीं. भारतीय जनता पार्टी ने एक रणनीति के तहत यहां पर अलग-अलग जातियों या समुदाय को केंद्र में रखा है. सबसे पहले राजवंशी समुदाय, जिसको भूमिपुत्र भी कहा जाता है. कूचबिहार, अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग नार्थ, साउथ दिनाजपुर जैसी क़रीब तीस सीटों पर इनका दबदबा है. राजवंशी चाहते हैं कि NRC हो और बांग्लादेशियों की पहचान करके उन्हें बाहर निकाला जाए. यही वजह है कि BJP ने यहां पर अपनी पैठ बना ली है. 
  • पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी महत्वपूर्ण है. यह चुनाव ऐसे वक्त में लड़ा जा रहा है, जब पूरे देश में कोरोना का रोमांच अपने चरम पर है, मगर पश्चिम बंगाल में खूब रैलियां हो रही हैं और बड़ी संख्या में लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं. हां, इतना ज़रूर है कि अधिकतर लोग मास्क पहनते हैं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग कहीं नज़र नहीं आती.
  • बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की सरकार ना बन पाने पर उसका सारा ठीकरा कांग्रेस पर फोड़ा जा रहा है. कांग्रेस को लेकर कहा जा रहा लिखा जा रहा है उसने महागठबंधन को नीचे की ओर खींचा है. इसलिए कांग्रेस के नजरिए से इस विधानसभा चुनाव के नतीजों का विश्लेषण करना जरूरी है.
  • बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया के धमदाहा की रैली में अपने उम्मीदवार के लिए वोट मांगते हुए कहा कि आज चुनाव का आखिरी दिन है और परसों चुनाव है और ये मेरा भी अंतिम चुनाव है.. अंत भला तो सब भला..
  • बिहार के विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री 6 रैलियां कर चुके हैं. पहली रैली से ही जेडीयू नेताओं को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री चिराग पासवान पर कुछ बोलेंगे, मगर प्रधानमंत्री की 6 रैलियों के बाद भी जेडीयू के नेता ये जानने की कोशिश में लगे हैं कि चिराग पासवान को लेकर प्रधानमंत्री के मन में क्या है.
  • बीजेपी बिहार चुनाव के दौरान ये घोषणा कर रही है फिर थोड़े दिनों बाद बंगाल चुनाव को देखते हुए बंगाल में भी यही घोषणा करेगी. जो काम किसी भी सरकार का कर्तव्‍य होना चाहिए उसे बीजेपी अपने घोषणा पत्र में शामिल कर रही है. बीजेपी को पता है नीतीश के साथ वो इस चुनाव को नहीं जीत पाएंगे इसलिए अब जुमलेबाजी पर उतर आए हैं.
  • बिहार में चुनाव धीरे-धीरे रंग पकड़ता जा रहा है. जैसे-जैसे दिन बीतते जाऐंगे, बिहार की स्थिति और साफ होती जाएगी. जब चुनाव शुरू हुए थे तब लग रहा था कि एनडीए यानि BJP और JDU गठबंधन को आसानी से बहुमत मिल जाएगा, क्योंकि इस गठबंधन ने सोशल इंजीनियरिंग के तहत हम पार्टी के जीतन राम माझी और वीआईपी पार्टी के मुकेश साहनी को भी जोड़ लिया.
  • बिहार चुनाव में आखिरकार बीजेपी अपने ऐजेंडे पर आती दिख रही है. हालांकि कई लोगों का यह मानना है कि जेडीयू और बीजेपी गठबंधन को कोई खतरा नहीं है मगर बीजेपी हर चुनाव में हिंदु ध्रुवीकरण की कोशिशों से बाज नहीं आती है.
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