साहित्य

अल्पना मिश्र: मनुष्यता पर गहराते संकट को बयान करता है 'अस्थि फूल'

अल्पना मिश्र: मनुष्यता पर गहराते संकट को बयान करता है 'अस्थि फूल'

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स्त्री-पुरुष के संबंध में बदलाव तो आया है, लेकिन उतना भी नहीं आ पाया. देखने में तो आज स्त्री घर से बाहर निकल रही है. नौकरी कर रही है. पैसा भी कमा रही है, लेकिन उस पैसे पर अभी भी उसका अधिकार नहीं है. अगर वह अपना पैसा खर्च करती है तो उसका हिसाब भी देना होता है. ये जो चीजें हैं ये स्त्री और पुरुष के संबंध में अधिकारों को निर्धारित करती हैं.

पुस्तक समीक्षा : RSS के बारे में उठे सवालों के जवाब देती है 'द RSS रोडमैप्स फॉर द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी'

पुस्तक समीक्षा : RSS के बारे में उठे सवालों के जवाब देती है 'द RSS रोडमैप्स फॉर द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी'

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यह पहली बार है, जब RSS के एक वरिष्ठ प्रचारक ने एक पुस्तक के माध्यम से संघ के अंदरूनी क्रियाकलाप, उसकी विचारधारा, भारत के प्रति उसकी दृष्टि तथा विभिन्न विषयों पर सोच को सामने रखने का प्रयास किया है. लंबे समय से संघ के छात्र संगठन ABVP में संगठन महासचिव की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे सुनील आम्बेकर की पुस्तक – 'द RSS रोडमैप्स फॉर द ट्वेंटी फर्स्ट सेंचुरी' - उन तमाम विषयों पर संघ की राय स्पष्ट करने का प्रयास करती है, जिन्हें लेकर RSS को कठघरे में खड़ा किया जाता रहा है.

जब रामधारी सिंह दिनकर ने कहा- ''अच्छे लगते मार्क्स, किंतु है अधिक प्रेम गांधी से..''

जब रामधारी सिंह दिनकर ने कहा- ''अच्छे लगते मार्क्स, किंतु है अधिक प्रेम गांधी से..''

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राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) की आज जयंती है. उनकी जयंती (Ramdhari Singh Dinkar Jayanti) के मौके पर पूरा देश उन्हें याद कर रहा है. दिनकर एक ऐसे कवि थे जो सत्ता के करीब रहते हुए भी जनता के दिलों में रहे. देश की आजादी की लड़ाई से लेकर आजादी मिलने तक के सफर को दिनकर (Dinkar) ने अपनी कविताओं द्वारा व्यक्त किया है.

 
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