ओलिंपिक में भारत ने इन उपलब्धियों के जरिये दिखाई ताकत

खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक खेलों में भारत का अब तक का प्रदर्शन बहुत अच्‍छा नहीं रहा है. हॉकी की टीम स्‍पर्धा को छोड़ दें तो भारत के पास व्‍यक्तिगत स्‍पर्धा का केवल एक स्‍वर्ण है.

ओलिंपिक में भारत ने इन उपलब्धियों के जरिये दिखाई ताकत

अभिवन बिंद्रा ओलिंपिक खेलों में व्‍यक्तिगत स्‍पर्धा का स्‍वर्ण जीतने वाले अकेले भारतीय हैं (फाइल फोटो)

खेलों के महाकुंभ ओलिंपिक में भारत का अब तक का प्रदर्शन बहुत अच्‍छा नहीं रहा है. हॉकी की टीम स्‍पर्धा को छोड़ दें तो भारत के पास व्‍यक्तिगत स्‍पर्धा का केवल एक स्‍वर्ण है, जो अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक निशानेबाजी इवेंट में जीता था. कई वर्षों तक भारतीय दल के ओलिंपिक खेलों में जाने और बिना पदक या एकाध पदक के साथ आने का सिलसिला चलता रहा. हालांकि 21वीं सदी में इस स्थिति में कुछ सकारात्‍मक बदलाव नजर आया है. भारतीय खिलाड़ी अब न केवल अपने पदकों की संख्‍या बढ़ा रहे हैं बल्कि बैडमिंटन, टेनिस, बॉक्सिंग जैसे खेलों में दुनिया के नामी खिलाड़‍ियों को कड़ी टक्‍कर दे रहे हैं. ओलिंपिक खेलों में भारत की 7 बड़ी उपलब्धियां...

28 साल तक हॉकी में भारत की बादशाहत
भारतीय हॉकी टीम ने 1928 से लेकर 1956 तक 28 वर्षों तक खेलों के महाकुंभ में अपना दबदबा कायम रखा. टीम ने इस दौरान छह स्‍वर्ण पदक जीते. समग्र रूप से देखें तो भारत ने हॉकी में कुल 11 ओलिंपिक पदक जीते. इनमें आठ स्वर्ण, एक रजत पदक और दो कांस्य पदक शामिल हैं. भारत ने हॉकी का अंतिम स्वर्ण पदक 1980 में मॉस्‍को ओलिंपिक में हासिल किया था.

अभिनव ने साधा था स्‍वर्ण पर निशाना
निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलिंपिक के 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में स्‍वर्ण पदक भारतीय खेल के इतिहास अपना नाम दर्ज कराया था. उन्होंने भारत के लिए व्यक्तिगत स्पर्धा को पहला ओलिंपिक स्‍वर्ण पदक जीता था. अभिनव बिंद्रा एयर राइफल निशानेबाजी में में विश्व चैम्पियन भी रह चुके हैं.

यह भी पढ़ें :ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने अपने पहलवान ब्वॉयफ्रेंड सत्यव्रत से की सगाई

बैडमिंटन में सिंधु और साइना ने जीते पदक
महिला बैडमिंटन में भारत की खिलाड़ी ओलिंपिक में दो पदक हासिल कर चुकी हैं. वर्ष 2016 में रियो ओलिंपिक में पीवी सिंधु को फाइनल में कैरोलिन मॉरिन से हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा था. वर्ष 2012 के लंदन ओलिंपिक में साइना नेहवाल भी कांस्‍य पदक जीतने में सफल रही थी.

पहलवान सुशील कुमार के दोहरे पदक
कुश्‍ती के मुकाबलों में भी ओलिंपिक में धीरे-धीरे भारत दबदबा बना रहा है. सुशील कुमार ने भी 2008 में बीजिंग ओलिंपिक खेलों में कांस्‍य पदक जीता. सुशील ने इसके अगले ही ओलिंपिक (लंदन 2014) में रजत पदक जीता. वे ओलिंपिक के व्‍यक्तिगत मुकाबलों में दो पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं. केडी जाधव और योगेश्‍वर दत्त भी ओलिंपिक में कांस्‍य पदक जीत चुके हैं.

यह भी पढ़ें :रियो में तिरंगा लहराने के सिंधु के जज्बे का कायल हुआ देश

राज्‍यवर्धन राठौर और विजय कुमार के सिल्‍वर
निशानेबाजी उन खेलों में शामिल है जिसमें ओलिंपिक और एशियाई खेलों में भारत ने अच्‍छा प्रदर्शन किया है. अभिनव बिंद्रा 2008 में बीजिंग ओलिंपिक में स्‍वर्ण जीत चुके हैं. उनके पहले राज्यवर्धन सिंह राठौर ने 2004 के एथेंस ओलिंपिक में रजत पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया था. वर्ष 2012 के लंदन ओलिंपिक में विजय कुमार ने भी 25 मीटर रैपिड पिस्टल में रजत पदक जीता

यह भी पढ़ें : सिंधु और साक्षी बनीं सफलता की प्रतीक, भारत के लिए एक बदलाव की शुरुआत

बॉक्सिंग में विजेंदर और मैरीकॉम की सफलता
2008 में ही बीजिंग ओलिंपिक के दौरान विजेंदर सिंह ने भारत के लिए बॉक्सिंग में पहला ओलिंपिक पदक जीता. इसके अगले ओलिंपिक में महिला बॉक्‍सर मैरीकॉम ने भी कांस्‍य पदक हासिल करते हुए बॉक्सिंग में देश की बढ़ती ताकत का अहसास कराया.

वीडियो : सिंधु, साक्षी सहित चार को खेल रत्‍न


टेनिस में लिएंडर ने जीता कांस्‍य पदक
1980 के मॉस्को ओलिंपिक के बाद लगभग भारत को पदक के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. व्यक्तिगत स्पर्धा में लिएंडर पेस ने वर्ष 1996 के अटलांटा ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर इस सूखे को खत्‍म किया. लिएंडर पेस टेनिस के सिंगल्‍स वर्ग में यह पदक जीता. मजे की बात यह है कि अटलांटा ओलिंपिक में पेस को वाइल्ड कार्ड से एंट्री मिली थी.

क्लिक करें: आजादी@70 पर हमारी खास पेशकश


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com