बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपने मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और अधिकारियों के साथ जलजमाव की समीक्षा की, और कई फैसले लिए गए, लेकिन इस बैठक में नहीं बुलाए जाने को लेकर सरकार में सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद और विधायक नाराज़ बताए जाते हैं. अब मुख्यमंत्री शनिवार को इन सभी के साथ बैठक कर शिकायतों और उनके समाधानों पर विचार-विमर्श करेंगे. BJP विधायक नितिन नवीन, संजीव चौरसिया और सांसद रामकृपाल यादव का कहना था कि जनप्रतिनिधियों के बिना इस तरह की बैठक का औचित्य नहीं है. फिर शाम को सरकार ने शनिवार को होने वाली बैठक की घोषणा की.
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इससे पूर्व, सोमवार शाम को पटना में जलजमाव की समस्या को लेकर चार घंटे तक बैठक चली, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए थे. बैठक के दौरान BUDCO प्रमुख समेत 11 इंजीनियरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, और पटना नगर निगम के कुछ अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई भी की गई. इनके अलावा, कई अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन भी रोक दिया गया है. बैठक में लिए गए फैसलों के तहत विकास सचिव की अध्यक्षता में चार वरिष्ठ प्रधान सचिवों की कमेटी बनाई गई है, जो एक महीने में जलजमाव के कारणों और निराकरण पर रिपोर्ट सौंपेगी.
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सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि बैठक में अधिकारियों ने कबूल किया कि जिन पंप हाउसों के माध्यम से पानी की निकासी होनी थी, उनमें से अधिकांश खराब पड़े हैं, और इन पर जिन कर्मचारियों को मौजूद होना था, उनमें से भी अधिकतर नदारद थे. इस बीच, पटना में जलजमाव को लेकर बुधवार को पटना हाईकोर्ट में भी सुनवाई होनी है.
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