जनता को सूर्य ग्रहण के प्रकोप से बचाने के लिए दिखाई गई थी यह फिल्म

अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म का इस्तेमाल तत्कालीन सरकार ने सूर्य ग्रहण के प्रकोप से बचाने के लिए किया था

जनता को सूर्य ग्रहण के प्रकोप से बचाने के लिए दिखाई गई थी यह फिल्म

चुपके चुपके फिल्म का पोस्टर

खास बातें

  • सूर्य ग्रहण के प्रकोप से बचाना था उद्देश्य
  • अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र थे लीड एक्टर
  • शर्मिला टैगोर और जया भादुड़ी भी थीं फिल्म में
नई दिल्ली:

अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की फिल्म ‘चुपके-चुपके (1975)’ का इस्तेमाल सरकार ने एक ऐसे काम के लिए किया था जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. हृषिकेश मुखर्जी की ‘चुपके-चुपके’ जबरदस्त कॉमेडी है, जिसमें धर्मेंद्र अपने जीजा ओम प्रकाश को सबक सिखाने के लिए ऐसी कहानी गढ़ते हैं कि हंसी-ठहाके लगते हैं. लेकिन 1980 के दशक में इस फिल्म का इस्तेमाल सरकार ने जनता को सूर्य ग्रहण के प्रकोप से बचाने के लिए किया था. सुनने में कुछ अजीब लग सकता है लेकिन यह हकीकत है. 

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बात 16 फरवरी, 1980 की है. सूर्य ग्रहण का दिन था. सरकार नहीं चाहती थी कि जनता बिना किसी सुरक्षा उपाय के सूर्य ग्रहण को देखे. इससे उनकी आंखों को नुक्सान पहुंचने की आशंका थी. सरकार ने जनता को घर में ही रोके रखने का उपाय किया. सरकार ने हथियार बनाया सिनेमा को और इस्तेमाल किया एक कॉमेडी फिल्म को. माध्यम था दूरदर्शन. दूरदर्शन पर इस दिन धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन की इस हिट कॉमेडी को सूर्य ग्रहण के मौके पर टेलीकास्ट किया गया. यह मनोरंजन की ही ताकत थी, जिसकी वजह से सरकार को जनता को घर में रोकने के लिए फिल्म का ख्याल आया. वैसे भी हृषिकेश मुखर्जी की फिल्में जिंदगी के इतने करीब होती थीं कि हर किसी को आसानी से खुद से जोड़ लेती थीं.

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