Divyanshi Singhal: दिव्यांशी सिंघल को गूगल की तरह से सर्टिफिकेट दिया गया है.
खास बातें
- 7 साल की बच्ची के डूडल को अवॉर्ड मिला है.
- डूडल में चलते हुए पेड़ दिखाए गए हैं.
- दिव्यांशी सिंघल दूसरी क्लास में पढ़ती हैं.
नई दिल्ली: 14 नवंबर को देश ने बाल दिवस सेलिब्रेट किया था. बाल दिवस और पंडित नेहरू की जंयती को मनाने के लिए गूगल ने डूडल (Google Doodle) पेश किया था जिसे एक 7 साल की बच्ची ने बनाया था. गुरुग्राम की दूसरी क्लास में पढ़ने वाली लड़की दिव्यांशी सिंघल (Divyanshi Singhal) ने 'Doodle 4 Google' नाम की एक प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया जिसके चलते गूगले ने उनकी आर्ट को गूगल पर दिखाया. दिव्यांशी ने अपने डूडल में पेड़-पौधों को चलते हुए दिखाया है और इसका नाम दिया है 'वॉकिंग ट्री' (Walking Tree). दिव्यांशी सिंघल ने पेड़ों के काटे जाने पर कहा, ''जब मैं बड़ी हो जाऊंगी तो मुझे उम्मीद है कि दुनिया के पेड़ चलने लगेंगे और उड़ने लगेंगे. उन्हें काटे जगह को आसानी से खाली किया जा सकेगा. वनों की कटाई कम से कम होगी और इंसान बड़े आराम से पेड़ों और उनके दोस्तों से किसी दूसरी जगह जाने को कह सकेंगे.
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें इतना अच्छा आईडिया कैसे आया तो उन्होंने कहा, ''जब मैं अपनी दादी से मिलने गई, तो उनके घर के आसपास के पेड़ों को कटते हुए देखकर मुझे बहुत दुख हुआ. इसलिए मैंने सोचा कि अगर पेड़ चल सकते या उड़ सकते, तो हमें उन्हें काटना नहीं पड़ेगा.'' इस साल ''Doodle for Google'' ज्यूरी में राजीव चिलाका (छोटा भीम के क्रिएटर और ग्रीन गोल्ड एनीमेशन के सीईओ), प्राजक्ता कोली (यूट्यूबर), ‘नेहा की डूडल' फेम नेहा शर्मा और गूगल डूडल की टीम शामिल थी.
बता दें कि हर साल गूगल भारत के 1 से 5 कक्षा तक के बच्चों के लिए गूगल 4 डूडल नाम की प्रतियोगिता कराता है. इसमें जीतने वाले बच्चे (नेशनल विनर) को 5 लाख की कॉलेज स्कॉलरशिप और 2 लाख टेक्नोलॉजी पैकेज दिया जाता है. ये पूरी स्कॉलरशिप बच्चे के स्कूल को दी जाती है. इसके साथ ही बच्चे को सर्टिफिकेट/ट्रोफी और गूगल ऑफिस में भी घुमाया जाता है.
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