IND vs AUS 2nd Test: इन पांच 'सबसे बड़े कारणों' की वजह से भारत पर्थ में दूसरे टेस्ट में डूब गया

AUS vs IND, 2nd Test: पर्थ में जीतने लिए भारत का एक ईकाई के रूप में खेलना एक अनिवार्य बात थी. गेंदबाजों ने इस बात को बखूबी अंजाम दिया, लेकिन बल्लेबाज इसमें नाकाम साबित हुए

IND vs AUS 2nd Test: इन पांच 'सबसे बड़े कारणों' की वजह से भारत पर्थ में दूसरे टेस्ट में डूब गया

AUS vs IND, 2nd Test: केएल राहुल ने संभवत: इस दौरे में अपा आखिरी टेस्ट मैच खेल लिया है.

खास बातें

  • दोनों पारियों में बुरी तरह नाकाम रहे केएल राहुल
  • क्या इलेवन चयन में सबक लेगा भारत?
  • नहीं मिला मिड्ल ऑर्डर से कोई सहयोग
पर्थ:

करोड़ों भारतीय क्रिकेटप्रेमियों में बहुत ही ज्यादा निराशा और रोष हैं. एडिलेड में पहले टेस्ट में जीतने के बाद सभी उम्मीद कर रहे थे कि विराट कोहली एंड कंपनी पर्थ में दूसरे टेस्ट (मैच रिपोर्ट) (AUS vs IND, 2nd Test) में भी मेजबान ऑस्ट्रेलिया (India tour of Australia, 2018-19) को पीटकर 2-0 की अजेय बढ़त हासिल कर लेगी, लेकिन इसके उलट बिना स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के खेल रही ऑस्ट्रेलिया (Australia won Perth Test by 146 runs)  ने भारत को 143 रन से मात देकर सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है. भारत की इस हार के कई कारण रहे. चलिए हम आपका उन शीर्ष पांच वजहों से परिचय कराते हैं, जिनके कारण भारत को करारी शिकस्त खानी पड़ी. 

1. गलत चयन बन गया ब्लंडर
पिच को पढ़ने में दिग्गज लोग पहले भी चूकते रहे हैं. और आगे भी चूकते रहेंगे. पर्थ में भी बिल्कुल ऐसा ही देखने को मिला. टीम इंडिया का इस मैच में चार सीमरों के साथ उतरने का फैसला उनके लिए ब्लंडर साबित हुआ. इस बात को ऑस्ट्रेलियाई ऑफी और मैन ऑफ द मैच नॉथन लॉयन ने भी साबित किया, जिन्होंने मैच में 8 विकेट लिए. पहली पारी में पार्टटाइमर हनुमा विहारी के दो विकेट ने भी इस पहलू को भी साबित रहा. जरूरत के समय विराट कोहली की आंखें स्पिनर को तलाशी रहीं. और यह हार का एक बड़ा कारण साबित हुआ.  2. दोनों पारियों में खराब शुरुआत 
पर्थ में भारत डूबा, तो यह एक बहुत बड़ा कारण रहा. पहली पारी में ओपनरो ने दो रन जोड़े, तो दूसरी पारी में शून्य पर ही केएल राहुल पवेलियन लौट गए. दोनों छोरों पर ओपनर की परेशानी के बीच केएल राहुल बहुत बड़ी निराशा साबित हुए. और दोनों पारियों में बदतर शुरुआत ने भारत को हार के गर्त में डुबो दिया. अगर दोनों में एक भी पारी ठोस शुरुआत मिलती, तो निश्चित ही इससे अंतर पैदा होता.   
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3. मिड्ल ऑर्डर में नहीं मिला सहारा
विराट कोहली और चेतेश्वर पुजारा को अपवाद मान लिया जाए, तो भारत को बाकी बल्लेबाजों से सहारा नहीं मिला. दूसरी पारी में तो हालांकि कोहली और पुजारा भी नाकाम रहे. रहाणे पिच पर टिके, लेकिन जमने के बाद अपनी पारी को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके. वहीं हनुमा विहारी और विकेटकीपर ऋषभ पंत भी टीम की जीत के लिहाज से बड़ा योगदान देने में नाकाम रहे. अगर मिड्ल ऑर्डर से एक और बड़ी पारी निकलती, तो यह मैच में बड़ा अंतर पैदा करती 4. पुछल्लों से बिल्कुल भी सहयोग नहीं
भारत और ऑस्ट्रेलिया टीम में एक बड़ा अंतर पुछल्ले बल्लेबाजों का योगदान रहा है. ऑस्ट्रेलिया के लिए पुछल्लों ने आड़े समय पर अच्छा योगदान दिया, तो दूसरी पारी में आखिरी जोड़ी ने 36 रन की साझेदारी कर डाली. वहीं, भारत की पहली पारी में विराट पांचवें बल्लेबाज के रूप क्या आउट हुए, भारत ने अपने आखिरी पांच विकेट 32 रन के भीतर गंवा डाले. दूसरी पारी की तो बात ही करना बेकार है. एडिलेड में भी पुछल्लों के साथ कुछ ऐसा ही सामना करना पड़ा था  5. नॉथन लॉयन भारी पड़े दिग्गजों पर
यह बहुत ही चिंता की बात रही कि स्पिन को खेलने में दिग्गज माने जाने वाले भारतीय सितारा बल्लेबाज नॉथन लॉयन के सामने पानी भरते नजर आए. लॉयन ने भी ज्यादातर और सबसे जरूरत के समय भारत के बड़े बल्लेबाजों को आउट किया. पहली पारी में नॉथन पांच, तो दूसरी पारी में वह तीन सहित कुल आठ विकेट चटकाकर मैन ऑफ द मैच बन गए. एडिलेड में भी लॉयन ने आठ विकेट चटकाए थे.

VIDEO: जानिए कि ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होने से पहले विराट ने क्या विचार व्यक्त किए थे. 


वास्तव में टीम इंडिया की हार के पीछे ऊपर बताए गए कारणों में बहुत ज्यादा वजन है. और आगे के मैचों लिए भी वजन बना रहेगा. अब मेलबर्न में खेले जाने वाले तीसरे टेस्ट में इन पहुलओं का वजन बढ़ता है या और कम होता है, यह देखने वाली बात होगी. 

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