इस वजह से सचिन कभी भी निर्मम बल्लेबाज नहीं बन सके, कपिल देव ने मास्टर को लेकर कही अहम बातें

कपिल (Kapil Dev) ने कहा कि मैंने सचिन (Sachin Tendulkar) जितना टैलेंट किसी  बल्लेबाज में नहीं देखा, लेकिन वह कभी निर्मम बल्लेबाज नहीं बन सके. सचिन के पास सबकुछ था, लेकिन इसके बावजूद वह अपने शतक को दो सा या तीन सौ में तब्दील नहीं कर सके.  कपिल देव ने ये विचार वीमेन टीम के कोच डब्ल्यूवी रमन के साथ बातचीत में रखे

इस वजह से सचिन कभी भी निर्मम बल्लेबाज नहीं बन सके, कपिल देव ने   मास्टर को लेकर कही अहम बातें

कपिल देव की फाइल फोटो

खास बातें

  • पहले भी सचिन को लेकर मुखर रहे हैं कपिल
  • सचिन जैसा टैलेंट किसी में नहीं देखा-कपिल
  • अपने टैलेंट का सही इस्तेमाल नहीं कर सके सचिन
नई दिल्ली:

भारत के दिग्गज पूर्व कपतान  कपिल देव (Kapl Dev) पहले भी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को लेकर कई अहम बातें कह चुके हैं. और अब एक बार फिर से कपिल देव (Kapl Dev) ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) शतक बनाने की कला बहुत ही शानदार तरीके से जानते थे, लेकिन वे अपने शतक को दोहरे या तिहरे शतक में तब्दील नहीं कर सके. बता  दें कि जब दुनिया में सबसे ज्यादा दोहरे शतक बनाने वाले बल्लेबाजों की बात आती है, तो सचिन शीर्ष दस में भी शामिल नहीं हैं. सचिन के खाते में छह दोहरे शतक हैं और वह मर्वन अटापट्टू, वीरेंद्र सहवाग, जावेद मियांदाद, यूनिस खान और रिकी पोन्टिंग के बराबर हैं, लेकिन वह सूची में 12वें नंबर पर है, जहां 12 दोहरे शतकों के साथ सर डॉन ब्रेडमैन टॉप पर बने हुए हैं. कपिल देव (Kapi Dev) ने इसी बात को इंगित करते हुए कह कि सचिन को शतक बनाने की कला बहुत ही बेहतर जानते थे लेकिन वह इसे दोहरे या तिहरे शतक में बदलने पर मास्टरी हासिल नहीं कर सके. 

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कपिल ने कहा कि मैंने सचिन जितना टैलेंट किसी  बल्लेबाज में नहीं देखा, लेकिन वह कभी निर्मम बल्लेबाज नहीं बन सके. सचिन के पास सबकुछ था, लेकिन इसके बावजूद वह अपने शतक को दो सा या तीन सौ में तब्दील नहीं कर सके.  कपिल देव ने ये विचार वीमेन टीम के कोच डब्ल्यूवी रमन के साथ बातचीत में रखे. कपिल ने कहा कि जो टैलेंट सचिन के पास था, उसे देखते हुए कम से कम पांच तिहरे शतक उन्हें बनाने चाहिए थे, लेकिन वह एक भी तिहरा शतक नहीं बना सके. ठीक इसी तरह उन्हें दस दोहरे शतक बनाने चाहिए थे. 


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कपिल ने कहा कि सचिन को ऐसा करना चाहिए था क्योंकि उनके भीतर तेज गेंदबाज और स्पिनर के खिलाफ हर ओवर में बाउंड्री लगाने की योग्यता थी. सचिन के कम दोहरे शतक होने के कारण को बयां करते हुए कपिल ने कहा कि इसका कारण मुंबई क्रिकेट की सांस्कृतिक सोच है. अब जबकि सचिन मुंबई से आते थे, तो उनकी सोच या मनोदशा ऐसी थी कि जब आप एक बार शतक बना लेते हो, तो फिर से शून्य से शुरुआत करो. और इसी स्तर पर और सोच को मैं मना करता हूं. आप इतने निर्मम बल्लेबाज हैं और गेंदबाज आपसे भयभीत होना चाहिए. कपिल ने कहा सचिन तेंदुलकर की योग्यता बेमिसाल थी, लेकिन शतक पूरा करने के बाद सचिन सिंगल्स लेने और पारी को फिर से सजाने-संवारने में जुट जाते थे और यही वजह रही कि सचिन एक निर्मम बल्लेबाज नहीं बन सके. 

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