युवराज सिंह ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से लिया संन्यास, बोले- अब आगे बढ़ने का समय आ गया है...

टीम इंडिया के धमाकेदार क्रिकेटर युवराज सिंह ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्‍यास लेने की घोषणा कर दी है. अपने रिटायरमेंट के दौरान युवराज सिंह ने कहा, अब आगे बढ़ने का समय आ गया है. 

खास बातें

  • युवराज सिंह ने लिया संन्यास
  • क्रिकेट के सभी प्रारूपों से रिटायरमेंट
  • बोले- अब आगे बढ़ने का समय आ गया है..
नई दिल्ली:

वर्ल्डकप 2011 में भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाने वाले क्रिकेटर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) ने संन्यास की घोषणा कर दी है. अपने रिटायरमेंट के दौरान युवराज सिंह ने कहा, अब आगे बढ़ने का समय आ गया है. युवराज को टीम इंडिया (Team India) के शॉर्टर फॉर्मेट के सर्वश्रेष्‍ठ बल्‍लेबाजों में शुमार किया जाता था. उन्‍होंने भारत के लिए 40 टेस्‍ट, 304 वनडे और 58 टी20 इंटरनेशनल मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्‍व किया. भारतीय टीम को वर्ल्‍डकप 2011 में चैंपियन बनाने में युवराज (Yuvraj Singh) का अहम रोल रहा. गेंद और बल्‍ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए युवराज ने वर्ल्‍डकप 2011 के सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ी होने का श्रेय हासिल किया था. युवराज को टीम इंडिया का जीवट से भरपूर क्रिकेटर माना जाता था. 2011 वर्ल्‍डकप के बाद कैंसर की बीमारी से जूझने के बाद उन्‍होंने न केवल भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी की बल्कि अपने प्रदर्शन से हर किसी पर असर छोड़ा. युवराज को भारतीय क्रिकेट टीम को एंटरटेनर क्रिकेटर माना जाता था. गेंद को हिट करने की उनकी क्षमता जबर्दस्‍त थी.

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पिता योगराज से मिली राह

12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ शहर में जन्‍मे युवराज सिंह (Yuvraj Singh) के पिता योगराज सिंह (Yograj Singh) भी भारतीय टीम के लिए खेल चुके हैं. योगराज ने तेज गेंदबाज की हैसियत से भारतीय टीम के लिए एक टेस्‍ट मैच खेला. वे भारत के लिए छह वनडे मैच भी खेले थे.

बचपन में रोलर स्केटिंग का था शौक

युवराज (Yuvraj Singh) को बचपन में रोलर स्‍केटिंग का काफी शौक था. इस खेल में युवराज ने कई ट्रॉफियां भी जीतीं, लेकिन उनके पिता योगराज को युवराज को क्रिकेटर बनाने से कम कुछ भी मंजूर नहीं था. उन्‍होंने बेहद कड़ाई से युवराज को इस खेल में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया.

प्रैक्टिस के लिए घर में ही बनाई थी पिच

योगराज ने युवराज के बल्‍लेबाजी के अभ्‍यास के लिए घर में ही पिच बनाई थी, इस पर वे घंटों युवराज सिंह को बल्‍लेबाजी का अभ्‍यास कराते थे. युवराज की ट्रेनिंग को लेकर वे बेहद सख्‍त थे. बचपन में युवी को अपने पिता की यह सख्‍ती पसंद नहीं आती थी लेकिन आज युवराज मानते हैं कि पिता की सख्‍त ट्रेनिंग के कारण ही उन्‍हें क्रिकेट में ऊंचाई छूने में मदद मिली.

बचपन में कर चुके हैं पंजाबी फिल्म

युवराज ने बचपन में एक पंजाबी फिल्‍म में भी काम किया था. उन्‍होंने पंजाबी फिल्म 'मेहंदी शगना दी' में काम किया था. इस फिल्म में युवी के पिता और पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह भी थे. युवराज के पिता भी कई हिंदी और पंजाबी फिल्‍मों के काम कर चुके हैं. योगराज ने उड़न सिख मिल्‍खा सिंह के जीवन पर बनी हिंदी फिल्‍म 'भाग मिल्‍खा भाग' में भी प्रमुख भूमिका भी दिखे थे.

जूनियर वर्ल्डकप में भी थे शामिल

युवराज सिंह (Yuvraj Singh), जूनियर वर्ल्‍डकप में चैंपियन बनने वाली भारतीय टीम का हिस्‍सा भी रहे हैं. वर्ष 2000 में मोहम्‍मद कैफ की कप्‍तानी में भारतीय टीम ने अंडर 19 वर्ल्‍डकप जीता था, इस टीम में युवराज सिंह भी शामिल थे. यही नहीं, भारतीय टीम के अहम मैचों में उन्‍होंने कई जोरदार पारियां भी खेली थीं.

केन्‍या के खिलाफ आगाज किया था इंटरनेशनल करियर

क्रिकेट के शॉर्टर फॉर्मेट में युवराज (Yuvraj Singh) अपनी स्पिन गेंदबाजी से भी भारतीय टीम के लिए उपयोगी साबित होते रहे हैं. युवराज ने सीनियर लेवल पर अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज अक्‍टूबर 2000 में नैरोबी में केन्‍या के खिलाफ वनडे मैच खेलकर किया था. अपना पहला टेस्‍ट मैच उन्‍होंने अक्‍टूबर 2003 में अपने होमग्राउंड मोहाली में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ खेला था. 10 जून 2019 को युवराज सिंह ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्‍यास लेने की घोषणा कर दी है. 

2007 में टी20 वर्ल्‍डकप और 2011 में वर्ल्‍डकप के रहे सदस्य

युवराज वर्ष 2007 में टी20 वर्ल्‍डकप और 2011 में वर्ल्‍डकप (50 ओवर) जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्‍य रहे हैं. इन दोनों ही टूर्नामेंट में उन्‍होंने जोरदार प्रदर्शन किया था. जहां 2007 के टी20 वर्ल्‍डकप में इंग्‍लैंड के खिलाफ मैच के दौरान उन्‍होंने स्‍टुअर्ट ब्रॉड के ओवर में छह छक्‍के जडकर इतिहास रचा था, वहीं 2011 के वर्ल्‍डकप में भी उन्‍होंने गेंद और बल्‍ले से धमाल किया था. 2011 के वर्ल्‍डकप में युवराज सर्वश्रेष्‍ठ खिलाड़ी घोषित किए गए थे.

जब मैदान पर की थी खून की उल्टियां

वर्ल्‍डकप 2011 के दौरान युवराज पूरी तरह स्‍वस्‍थ नहीं थे. कुछ मौकों पर उन्‍हें मैदान पर खून की उल्टियां करते हुए भी देखा गया था. भारतीय क्रिकेटप्रेमी उस समय गहरी निराशा में घिर गए थे जब जांच के दौरान उन्‍हें फेफड़े में ट्यूमर होने का खुलासा हुआ. युवी को कैंसर होने का पता लगते ही क्रिकटप्रेमी उनके शीघ्र स्‍वास्‍थ्‍य लाभ की कामना कर रहे थे. हर कोई उनके लिए प्रार्थना कर रहा था. जीवट के धनी युवी अमेरिका में कीमोथैरेपी कराने के बाद स्‍वस्‍थ होकर न केवल मैदान के लिए लौटे बल्कि भारतीय टीम के लिए कई जोरदार पारियां भी खेलीं.

हेजल से की शादी

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युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का विवाह हिंदी फिल्‍मों में काम करने वाली हेजल कीच से हुआ है. नवंबर 2015 को युवराज और हेजल की सगाई हुई थी. बाद में वर्ष 2016 में इन दोनों का विवाह हुआ था.