दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह को गिरफ्तार किया है जो राजधानी के विभिन्न एटीएम मशीनों में माइक्रो चिप लगाकर पहले लोगों के कार्ड की जानकारी चुराता था. और फिर कार्ड की क्लोनिंग करके खाताधारकों को लाखों की चपत लगाता था. पूरा मामला उत्तरी दिल्ली के सदर बजारा इलाके का है. पुलिस ने इस मामले में गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान ईरिना, एलिजाबेथ, ईयोन, निकोले और लिल के रूप में की गई है. सभी आरोपी मूल रूप से रोमानिया के रहने वाले हैं. पुलिस को आरोपियों के पास से 102 क्लोन एटीएम कार्ड, 94 हजार रुपये नकदी, डाटा चुराने वाली डिवाइस, कई कैमरे, चार मोबाइल फोन और दो लैपटॉप मिले हैं. पुलिस के अनुसार आरोपी बीते कुछ महीने से राजधानी में सक्रिय थे. आरोपियों पर दो दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
नेपाल में एटीएम फर्जीवाड़े के सिलसिले में दो भारतीय गिरफ्तार
उत्तरी दिल्ली जिले की डीसीपी नुपुर प्रसाद ने बताया कि हमें 31 जनवरी को सदर बाजार स्थित आईडीबीआई बैंक के एटीएम मशीन पर एक कैमरा और माइक्रो चिप लगे होने की सूचना मिली. इसके बाद हमनें सदर बाजार एसएचओ सुरेंद्र सिंह की देखरेख में एसआई प्रकाश, एसआई आशीष, और कांस्टेबल दीलिप की विशेष टीम बनाई. टीम ने जब एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे की जांच की तो उन्हें दिखा की कुछ समय पहले दो महिलाएं एटीएम में आई हैं और उन्होंने एटीएम मशीन पर माइक्रो चिप और कैमरा लगाया है. इसके बाद सघन जांच के बाद हमनें संबंधित एटीएम के आसपास पुलिसकर्मियों को तैनात किया. कुछ दिन की छानबीन के बाद हमारे हाथ गिरोह के दो लोग चढ़े. इसके बाद पूछताछ के आधार पर हमनें तीन अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया.
देशभर में SBI के कितने एटीएम, बैंक को भी नहीं पता है
कुछ ऐसे काम करता था गिरोह
गिरोह के सदस्य पहले किसी एटीएम मशीन के कार्ड स्लॉट ( जहां कार्ड डालते हैं) पर माइक्रो चिप लगाते थे. इसके बाद वह कार्ड धारकों के कार्ड का पिन नंबर जानने के लिए एटीएम के की बोर्ड के ठीक ऊपर एक छोटा सा कैमरा लगात थे. इसके बाद वह एक निश्चित समय के बाद माइक्रो चिप और की बोर्ड के ऊपर लगा कैमरा निकाल कर उसे बाद में अपने घर ले जाते थे. जहां वह उसे अपने लैपटॉप से अटैच करते थे. ऐसा करते ही उनके पास समय के हिसाब से कार्ड की जानकारी और उस कार्ड का पिन नंबर मिल जाता था. मसलन, अगर माइक्रो चिप पर आपके कार्ड की रीडिंग का टाइम 7.15 बजे का है तो वह उसके बाद कार्ड का पिन नंबर जानने के लिए वह की बोर्ड के ऊपर लगे कैमरे में 7.15 बजे के बाद की एंट्री जांचते थे. कार्ड की जानकारी और पिन नंबर मिलने के बाद वह अलग-अलग जगह शॉपिंग कर या दूसरे एटीएम से क्लोन कार्ड की मदद से पैसे निकाल लेते थे. आरोपी खास तौर पर व्यस्त इलाकों के एटीएम को ही निशाना बनाते थे जहां ज्यादा से ज्यादा लोग पैसे निकालने आते हों.
भारत घूमने के बहाने आते थे आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह समय दर समय भारत घूमने के बहाने आते थे. इस दौरान ही वह एटीएम फ्रॉड की अनेको घटनाओं को अंजाम देते थे. गिरोह के सदस्य भारत में रहते हुए अलग-अलग शहरों में जाते थे और वहां के एटीएम को अपना निशाना बनाते थे. दिल्ली पुलिस फिलहाल दूसरे शहरों की पुलिस से भी संपर्क कर रही है.
प्राइम टाइम इंट्रो : मोबाइल फोन से बैंकिंग कितनी सुरक्षित?
इन बातों को रखें ध्यान-
कोई आपको लाखों की चपत न लगा दे, इसके लिए जरूरी है कि आप एटीएम इस्तेमाल करते समय कुछ सावधानियों का ध्यान रखें. मसलन, एटीएम में जाते समय पहले यह देख लें कि उस एटीएम में कोई गार्ड है या नहीं. अकसर ऐसे गिरोह सुनसान पड़े एटीएम को ही अपना निशाना बनाते हैं. इसके बाद आप कार्ड स्लॉट को अच्छे से देखें. अगर आपको उसपर किसी चीज के चिपके होने का शक हो तो वहां से पैसे निकालने के लिए कार्ड स्लॉट में कार्ड न डालें. इसी तरह आप एटीएम के की बोर्ड स्लॉट के ऊपर भी एक नजर जरूर देखें.
VIDEO: पुणे में 94 करोड़ रुपये की साइबर लूट.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं