सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ हिंदू महासभा ने भी पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया है. हिंदू महासभा के वकील विष्णु जैन ने यह जानकारी दी. जैन ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट के मुस्लिम पक्ष को अयोध्या या किसी अन्य जगह पर जहां बोर्ड को सही लगे 5 एकड़ जमीन देने के फैसले के खिलाफ आज पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे'. वहीं, विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने मांग की कि सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या (Ayodhya) की नगर पालिका की सीमा से बाहर जमीन आवंटित की जाए.
केंद्रीय विहिप के उपाध्यक्ष चंपतराय ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत को अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए गठित होने वाले न्यास का अध्यक्ष नहीं बनना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर को अयोध्या में विवादित जमीन को राममंदिर बनाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था. न्यायालय ने सुन्नी वफ्फ बोर्ड को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया है.
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चंपतराय ने पत्रकारों से कहा कि पहले अयोध्या एक छोटी नगरपालिका थी लेकिन दिसंबर 2018 में अयोध्या और फैज़ाबाद नगरपालिकाओं को मिलकर एक निगम बना दिया गया. बहरहाल, सुन्नी वक्फ बोर्ड को पुरानी अयोध्या नगरपालिका की सीमा के बाहर पांच एकड़ जमीन आवंटित करनी चाहिए.
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राम मंदिर निर्माण के काम को देखने के लिए प्रस्तावित न्यास का प्रमुख भागवत को बनाने की कुछ साधुओं की मांग पर चंपतराय ने कहा कि यह नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि न्यास जनवरी 2020 तक गठित हो सकता है. मुस्लिम पक्ष द्वारा उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करने के सवाल पर चंपतराय ने कहा कि यह उनका कानूनी अधिकार है.
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चंपतराय ने कहा, ‘‘ऐसे कदमों से हम प्रभावित नहीं होंगे. मुझे लगता है कि अगर कोई टंकण की गलती होगी या वाक्य विन्यास सही नहीं होगा या अदालत ने किसी दलील की व्याख्या नहीं की होगी, उसपर पुनर्विचार होगा. यह मैं आम आदमी के तौर पर कह रहा हूं.''
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