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This Article is From Oct 13, 2020

बेंगलुरु हिंसा केस में चार्जशीट दाखिल, कांग्रेस के दो कॉरपोरेटरों के नाम आने पर राजनीति शुरू

बेंगलुरु में 11 अगस्त को हुई हिंसा में जिन 60 लोगों को क्राइम ब्रांच ने आरोपी बनाया है, उनमें कांग्रेस के दो कॉरपोरेटर शामिल है. इनमें से एक संपत राज हाल ही में शहर के मेयर थे. कांग्रेस ने इसे बदले की राजनीति और जानबूझकर उठाया गया कदम बताया है.

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बेंगलुरु हिंसा केस में चार्जशीट दाखिल, कांग्रेस के दो कॉरपोरेटरों के नाम आने पर राजनीति शुरू
11 अगस्त को एक फेसबुक पोस्ट को लेकर बेंगलुरु में हिंसा और आगजनी हुई थी.
बेंगलुरु:

बेंगलुरु में अगस्त के महीने में हुई हिंसा (Bengluru Violence) को लेकर सेंट्रल क्राइम ब्रांच ने चार्जशीट दायर कर दी है. इसमें 60 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें कांग्रेस के दो कॉरपोरेटर का नाम भी है. इसे लेकर राजनीतिक खींचतान शुरू हो गई. हालांकि अब तक इससे जुड़े दो मामले हैं, जिनकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है, उनमें चार्जशीट फिलहाल दाखिल नहीं की गई है.

बता दें कि बेंगलुरु में 11 अगस्त को हुई हिंसा में जिन 60 लोगों को क्राइम ब्रांच ने आरोपी बनाया है, उनमें कांग्रेस के दो कॉरपोरेटर शामिल है. इनमें से एक संपत राज हाल ही में शहर के मेयर थे. कांग्रेस ने इसे बदले की राजनीति और जानबूझकर उठाया गया कदम बताया है. कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा कि 'कांग्रेस का इस मामले से कोई लेना देना नहीं है. चुनाव सामने हैं. इस वजह से जानबूझकर राजनीतिक दुर्भावना से हमारी पार्टी का नाम घसीटा जा रहा है हम कानूनी तौर पर इसका सामना करेंगे.'

कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डॉ आश्वत नारायण ने उलटे कांग्रेस पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, 'चार्जशीट में जिनका नाम आया है वह भी कांग्रेस से हैं और इस दंगे से जो प्रभावित हैं वह भी कांग्रेस से हैं और इसी वजह से कांग्रेस ऐसे बयान दे रही है. जांच से ही सच्चाई सामने आएगी.'

यह भी पढ़ें : बेंगलुरु हिंसा: एनआईए ने 30 स्थानों पर तलाशी ली, मुख्य षडयंत्रकर्ता को किया गिरफ्तार

बेंगलुरु में हुई हिंसा को लेकर 65 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से दो मामलों की जांच एनआईए कर रही है. एजेंसी ने अभी तक कोई चार्जशीट दायर नहीं किया है क्योंकि उसने हाल ही में जांच शुरू की है. ये दो मामले विधायक के घर और पुलिस स्टेशन पर हुई आगजनी के हैं. हिंसा के बाद जो गिरफ्तारियां हुई थीं, उसमें शुरुआत में राजनीतिक संगठन SDPI और PFI के कार्यकर्ता शामिल होने की बात है. हालांकि SDPI से जुड़े मुज़म्मिल पाशा गिरफ्तारी से पहले पुलिस के पब्लिक एड्रेस सिस्टम से लोगों को शांत करते नजर आए थे.

SDPI के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष इलियास तुंबे ने कहा, 'हम पहले से कह रहे थे कि बेवजह हमारा नाम घसीटा जा रहा है. नवीन जैसे अपराधी का इस्तेमाल कर बीजेपी ने साजिश रची. कांग्रेस ने अपने कॉरपोरेटर के जरिए इसको अमलीजामा पहनाया. अब चार्जशीट के बाद सब कुछ साफ हो गया है.'

इस हिंसा की जांच दो एजेंसियां कर रही हैं- एनआईए और कर्नाटक पुलिस की सेंट्रल क्राइम ब्रांच. फिलहाल एनआईए की चार्जशीट अभी आनी बाकी है लेकिन कर्नाटक में राजनीति शुरू हो गई है.

Video: देस की बात रवीश कुमार के साथ: बेंगलुरु में आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर हिंसा

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