ओडिशा में 'ब्राउन प्लांटहॉपर' ने की फसल बर्बाद, किसान ने दे दी जान

प्रशासन कह रहा है कि मामले की जांच हो रही है, लेकिन किसान सूखे और इस कीड़े की दोहरी मार झेल रहे हैं.

ओडिशा में 'ब्राउन प्लांटहॉपर' ने की फसल बर्बाद, किसान ने दे दी जान

ओडिशा में कीड़े के प्रकोप के कारण किसान अपनी फसल जलाने को मजबूर हैं.

खास बातें

  • किसान ने फसल बर्बाद होने पर अपनी जान दे दी
  • किसान सूखे और कीड़े की दोहरी मार झेल रहे हैं
  • प्रशासन कह रहा है कि मामले की जांच हो रही है
नई दिल्ली:

ओडिशा में धान की फसल को नुकसान पहुंचाने वाले एक कीड़े ने किसानों को आत्महत्या पर मजबूर कर दिया है. बुधवार को एक किसान ने फसल बर्बाद होने पर अपनी जान दे दी. प्रशासन कह रहा है कि मामले की जांच हो रही है, लेकिन किसान सूखे और इस कीड़े की दोहरी मार झेल रहे हैं.

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ओडिशा में बरगड़ जिले के कालापानी गांव के किसान वृंदावन साहू को बुधवार सुबह अस्पताल लाया गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. साहू ने एक दिन पहले ही अपने खेतों में धान की फसल जला दी थी. साहू के अलावा कई और किसानों ने भी बरगढ़ ज़िले में अपनी फसल जलाई है. साहू के बेटे राजेश ने कहा कि उनकी सारी फसल बर्बाद हो गई, लेकिन मुआवज़ा मांगने पर अधिकारियों का कहना है कि केवल 33 फीसदी फसल ही बर्बाद हुई है. इस सदमे से किसान वृंदावन ने जान दे दी.

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बरगड़ जिले में ही उड़ीसा में पैदा होने वाले धान की सबसे अधिक सरकारी खरीद होती है. लेकिन यहां सूखे का प्रकोप तो है ही अब एक कीड़ा भी किसानों के लिए सिरदर्द बन गया है. पहले पानी बरसता था तो कीड़ों से बचाव हो जाता था, लेकिन अभी किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है. ब्राउन प्लांटहॉपर पेस्ट नाम का ये कीड़ा किसानों की फसल बर्बाद कर रहा है. ये कीड़ा चावल की फसल का दुश्मन है. इसका हमला होने पर दो वाइरस फसल पर हमला करते हैं. इससे 60 फीसद या उससे अधिक फसल बर्बाद होना साधारण बात है. यहां किसानों का कहना है कि बाज़ार में मिलने वाले कीटनाशक का इस कीड़े पर असर नहीं होता.

VIDEO: कर्ज में दबे एक और किसान ने जान दी


ब्राउन प्लांटहॉपर पेस्ट के बारे में पूछने पर बरगढ़ के ज़िलाधिकारी ने कहा कि मामले कि जांच हो रही है. उनका कहना है कि जिस इलाके में किसान की मौत हुई है वहां सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध है और सूखे की मार नहीं है. हालांकि कीड़े की मार पर कुछ बयान नहीं दिया. उधर किसानों का ये भी कहना है कि अधिकारी फसल बर्बादी का आकलन तक नहीं कर रहे. साथ ही बर्बाद होती फसल का मुआवज़ा उन्हें नहीं मिल रहा. नाराज़ किसानों ने प्रदर्शन किया और कई घंटों तक हाइवे जाम कर दिया.


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