बुलंदशहर हिंसा: जमानत पर छूटे आरोपियों का माला पहनाकर हुआ स्वागत, जय श्री राम के लगे नारे, देखें VIDEO

उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जब जमानत पर जेल से बाहर आए तो जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया.

बुलंदशहर हिंसा: जमानत पर छूटे आरोपियों का माला पहनाकर हुआ स्वागत, जय श्री राम के लगे नारे, देखें VIDEO

जेल से निकले आरोपियों का फूल-माला पहनाकर किया गया स्वागत

खास बातें

  • बुलंदशहर हिंसा के आरोपियों का माला पहनाकर स्वागत
  • जेल से जमानत पर रिहा हुए थे हिंसा के 6 आरोपी
  • हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हुई थी हत्या
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जब जमानत पर जेल से बाहर आए तो जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच उनका भव्य स्वागत किया गया. जेल से बाहर आए आरोपियों के साथ लोगों ने फूलों की माला पहनाई और उनके साथ सेल्फी ली. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल दिसंबर महीने को स्याना के चिंगरावटी गांव में गौकशी की अफवाह के बाद इलाके में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पूरा गांव आगजनी और बवाल की भेंट चढ़ गया था. लोगों ने सरकारी वाहन और पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था. उत्तर प्रदेश पुलिस ने 38 लोगों को गिरफ्तार किया था. 38 में से 6 आरोपी जमानत पर रिहा होकर शनिवार को बाहर निकले. 

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शिखर अग्रवाल भाजपा युवा मोर्चा के स्याना के पूर्व नगर अध्यक्ष हैं. जबकि उपेंद्र सिंह राघव अंतरराष्ट्रीय हिन्दू परिषद के विभाग अध्यक्ष हैं. इसके अलावा अन्य तीन की पहचान जीतू फौजी, सौरव और रोहित राघव के रूप में हुई थी. जब यह आरोपी बाहर आए तो फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया. इस दौरान भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम के नारे लगाए गए. इस दौरान पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया. ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में आरोपियों को फूलों की माला पहनाई जा रही है. कुल लोग आरोपियों के संग सेल्फी लेते हुए भी नजर आए. 

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बता दें कि बुलंदशहर में उस वक्त हिंसा भड़क गई थी जब कुछ लोगों को गोवंश के टुकड़े गांव में मिले थे. इसके बाद गुस्साए 400 लोगों ने जमकर हंगामा किया. कई वाहनों को आग लगा दी गई और पुलिस पर पत्थर और कथित तौर पर गोलियां चलाईं. इस घटना में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के अलावा और एक और युवक की मौत हो गई थी.  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी का गठन करते हुए इस मामले के जांच के आदेश दिए थे. जिसमें 5 लोगों पर इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का आरोप लगा था साथ ही 33 लोगों पर हिंसा और आगजनी उकसाने के आरोप लगाए थे. जिनमें शिखर अग्रवार और उपेंद्र राघव का नाम शामिल है. 

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