'Big Brother' टूल से अब आपके सोशल मीडिया और ईमेल पर नजर रखने की तैयारी में सरकार

कैंब्रिज एनालिटिका की फेसबुक डेटा सेंधमारी का विवाद ख़त्म भी नहीं हुआ है कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया का जायज़ा लेने के लिए एक और टूल लाने की तैयारी में लग गई है.

'Big Brother' टूल  से अब आपके सोशल मीडिया और ईमेल पर नजर रखने की तैयारी में सरकार

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • अब सोशल मीडिया और ईमेल पर नजर रखने की तैयारी में सरकार.
  • जानकारों का कहना है कि इसका सरकार फायदा भी उठा सकती है.
  • कायास लगाए जा रहे हैं कि डाटा पर सरकार नजर रख सकती है.
नई दिल्ली:

कैंब्रिज एनालिटिका की फेसबुक डेटा सेंधमारी का विवाद ख़त्म भी नहीं हुआ है कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया का जायज़ा लेने के लिए एक और टूल लाने की तैयारी में लग गई है. ये एनालिसिस टूल किसी शख़्स की 360 डिग्री डिजिटल प्रोफ़ाइल के ज़रिए सरकारी नीतियों पर उनकी सोच का अंदाज़ा लगाएगा. चुनावी साल में विपक्षी दल और साइबर सुरक्षा जानकार मानते हैं कि ऐसे डेटा का चुनावी मक़सद से गलत इस्तेमाल भी हो सकता है. 

फेसबुक डाटा लीक मामले के बाद अपनी कंपनी बंद करने जा रहा कैंब्रिज एनालिटिका

दरअसल, जब सूचना प्रसारण मंत्री सोशल मीडिया पर अपना फिटनेस चैलेंज आगे बढ़ा रहे थे, तब उनका मंत्रालय सोशल मीडिया अनालिटिकल टूल पर काम कर रहा था- जो आपके ईमेल, आपके ऐप्स, आपकी सारी ऑनलाइन गतिविधियों पर नज़र रख सकता है. 

बीते महीने की 25 तारीख की ये अधिसूचना बताती है कि किस तरह सरकार ने कंपनियों को यह टूल डिलीवर करने का न्योता दिया है. उनकी योजना इसे सोशल मीडिया हब बताने की है जो मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक सोशल मीडिया की छानबीन करेगा. ये जज़्बात का अंदाज़ा लगाएगा, रिपोर्ट भेजेगा और किसी ख़ास टॉपिक को ट्रेंड भी कराएगा.

फेसबुक ने उपयोगकर्ताओं के डेटा चुराने वाले एप पर लगाई रोक

सरकार ने कहा है कि इस टूल में सुनने की क्षमता भी होनी चाहिए- ईमेल, न्यूज़ और शिकायत करने वाली वेबसाइट्स के साथ-साथ फेसबुक और ट्विटर तक इसके दायरे में होने चाहिए. उनका काम ये देखना होगा कि कैसे लोगों में राष्ट्रवादी भावनाएं पैदा की जाएं और इसके लिए दिल्ली में उनके पास 24 घंटे काम करने वाला 20 लोगों का स्टाफ़ होगा जबकि देश के 716 ज़िलों में सोशल मीडिया एग्जिक्यूटिव.

हालांकि सरकारी अफ़सर इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए नहीं मिले, लेकिन उन्होंने साफ़ किया कि वो बस सोशल मीडिया पर नज़र रखेंगे, पर्नसल ईमेल्स पर नहीं. मगर जानकारों का मानना है कि ये भी निजता के अधिकार का खुला उल्लंघन है. 

साइबर कानून के विशेषज्ञ पवन दुग्गल का कहना है कि जहां यूरोपियन यूनियन अपने नागरिकों के प्राइवेट डेटा की हिफ़ाज़त के लिए काफी आगे जा रहा है, भारत ऐसे मेकेनिज़्म के साथ उल्टी दिशा में जा रहा है जो लोगों के निजी इलाक़ों में दख़ल दें. आप सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं, इसका मतलब ये नहीं है कि आपकी प्राइवेसी नहीं है.

अकाउंट बंद करने वाले फेसबुक यूजर्स की संख्या में कोई खास बढ़ोतरी नहीं : मार्क जकरबर्ग

बताया जा रहा है कि इसका एक काम दुनिया भर के अलग-अलग चैनलों और अख़बारों की हेडलाइन और ब्रेकिंग न्यूज़ का अंदाज़ा लगाना भी होगा- साथ में उनके रुझानों और कारोबारी सौदों के बारे में जानकारी जुटाना भी. हालांकि, अभी तक इसके लॉन्च की तारीख़ तय नहीं है, लेकिन ये विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के लिए बड़ा मुद्दा बनने वाला है.

VIDEO: बड़ी खबर : डेटा लीक पर भिड़े बीजेपी और कांग्रेस


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com