कर्नाटक की राजनीति: कांग्रेस ने अपने बागी 'पूर्व विधायकों' को पार्टी से किया निष्कासित

karnataka government: भाजपा पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कर्नाटक कांग्रेस की ओर से दिए गए प्रस्ताव को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने स्वीकृति प्रदान कर दी.

कर्नाटक की राजनीति: कांग्रेस ने अपने बागी 'पूर्व विधायकों' को पार्टी से किया निष्कासित

Karnataka Politics: कर्नाटक कांग्रेस ने अपने बागी विधायकों को पार्टी से निकाला

खास बातें

  • कांग्रेस ने बागी विधायकों को पार्टी से निकाला
  • कुछ दिन पहले ही स्पीकर ने इन विधायकों को अयोग्य ठहराया था
  • कर्नाटक में बीजेपी ने बनाई सरकार
नई दिल्ली:

कांग्रेस ने कर्नाटक के अपने उन 14 'पूर्व विधायकों' को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में मंगलवार को निष्कासित कर दिया है, जिन्हें कुछ दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य ठहराया गया था. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक कर्नाटक (Karnataka) कांग्रेस की ओर से दिए गए प्रस्ताव को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने स्वीकृति प्रदान कर दी. कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इन नेताओं को पार्टी से निकालने की अनुशंसा की थी. इन 14 नेताओं ने कुछ हफ्ते पहले पार्टी से बगावत करते हुए इस्तीफा सौंपा था जिसके बाद पार्टी ने इनके खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की मांग की थी. इस पर इन लोगों को अयोग्य ठहराया गया था. अब इन नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है. विधायक पद से इन नेताओं के इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस-जद (एस) सरकार गिर गई थी. इसके बाद वहां बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी. 

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने सभी बागी विधायकों की सदस्यता रद्द की थी. इसके बाद ही बीएस येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री बनने का रास्ता और भी आसान हुआ था.कर्नाटक (Karnataka) विधानसभा स्पीकर ने इससे पहले तीन विधायकों को दलबदल कानून के तहत अयोग्य ठहराया था. कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार द्वार निष्कासित किए जाने के बाद जेडीएस-कांग्रेस के 17 बागी विधायक कर्नाटक विधानसभा के सदस्य नहीं रहे थे. दरअसल 17 विधायकों के निष्कासन से बीजेपी ने राहत की सांस ली थी, क्योंकि सभी 17 विधायकों को मंत्रीमंडल में शामिल करना आसान नहीं था. कुमारस्वामी सरकार गिरने के बाद कांग्रेस-जेडीएस के सभी बागी विधायक बीजेपी के लिए बोझ बन गए थे.

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17 विधायकों के निष्कासन के बाद अब कर्नाटक विधानसभा का सूरतेहाल कुछ इस तरह था. विधानसभा की कुल संख्या 225 है, जो 17 विधायकों के निष्कासन के बाद घटकर 208 हो गई थी. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 105 का था. 
बीजेपी के पास एक निर्दलीय समेत 106 यानी बहुमत से एक ज़्यादा विधायक था, वहीं, कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास स्पीकर समेत 100 विधायक था. इसके अलावा एक नॉमिनेटेड और दूसरा बीएसपी का बाग़ी जो कांग्रेस और बीजेपी दोनों के खिलाफ था.

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बता दें कि इससे पहले एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार द्वारा पेश विश्वासमत पर मतविभाजन के समय 20 विधायकों के अनुपस्थित रहने से कई सप्ताह के ड्रामे के बाद उनकी सरकार गिर गई थी. इन 20 विधायकों में 17 बागी विधायक तथा एक-एक कांग्रेस और बसपा का और एक निर्दलीय था.

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विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार से जब अयोग्य ठहराने के उनके विवादास्पद फैसले, जिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं और पूरे मुद्दे पर उनके व्यवहार को लेकर आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि मैंने अपने न्यायिक विवेक का इस्तेमाल किया. मुझे 100 प्रतिशत आघात लगा है.' रमेश कुमार ने कहा था कि उन्होंने बागी विधायकों के उस अनुरोध को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफों और उनके खिलाफ अयोग्य ठहराने की अर्जियों को लेकर उनके समक्ष पेश होने के लिए और चार सप्ताह का समय मांगा था.

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VIDEO: कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने 14 विधायकों को अयोग्य घोषित किया​



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)