कोरोना का असर : PF से रिकॉर्ड निकासी, चार महीनों में 35445 करोड़ रुपये निकाले गए

अप्रैल से अगस्त 2020 के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 94.41 लाख पीएफ निकासी के आवेदनों का निपटारा किया

कोरोना  का असर : PF से रिकॉर्ड निकासी, चार महीनों में 35445 करोड़ रुपये निकाले गए

प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी और लॉकडाउन के कारण जहां उद्योग-धंधे चौपट हो गए वहीं नौकरीपेशा लोगों के लिए यह महामारी विकराल संकट बनकर आई. रोजगार छिन गए और बेरोजगारी बढ़ गई. रोजगार छिनने के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने पीएफ निकासी का सहारा लिया. यही कारण है कि श्रम मंत्रालय के ताजा आकड़ों के मुताबिक अप्रैल से अगस्त 2020 के दौरान कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 94.41 लाख पीएफ निकासी के आवेदनों का निपटारा किया. इन चार महीनों में 35445 करोड़ की राशि पीएफ धारकों ने निकाली. यह अप्रैल-अगस्त, 2019 के मुकाबले 32% ज्यादा है.
 
अमित कपूर पेशे से लेबर अधिवक्ता हैं. कोरोना संकट के दौरान उन्होंने सैकड़ों मज़दूरों को उनके पीएफ फंड से स्पेशल एडवांस की रकम निकलवाने में मदद की. अब खुद परिवार में आर्थिक संकट की वजह से कोरोना स्पेशल विथड्रावल स्कीम के तहत आवेदन करना पड़ा. गाजियाबाद के EPFO सर्विस सेक्टर के बाहर एनडीटीवी से उन्होंने कहा, "मैंने 10 दिन पहले ही स्पेशल एडवांस्ड विथड्रावल के लिए आवेदन किया. EPFO ने एप्रूव कर दिया है."  

अमित कपूर जिस वक्त EPFO दफ्तर पहुंचे, ठीक उसी समय डीपीएस ग़ाज़ियाबाद की कर्मचारी रहीं कविता पाल अपने पति सुंदर पाल के साथ EPFO दफ्तर आईं. उन्हें बेटे के बीमारी की वजह से नौकरी छोड़नी पड़ी. कोरोना संकट के दौरान तीन महीने पति को काम नहीं मिला. कविता ने एनडीटीवी से कहा कि "मैंने पीएफ विथड्रावल के लिए आवेदन किया. सिर्फ 4000 रुपये ही ईपीएफओ ने ट्रांसफर किए हैं. बाकी के लिए फिर आवेदन करना पड़ा है."

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श्रम मंत्रालय की तरफ से जारी नोट के मुताबिक, "इस संकट के दौरान अपने सदस्यों की तरलता (धनराशि) की जरूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिए ईपीएफओ ने कोविड-19 से अग्रिमों और बीमारी संबंधी दावों के निपटारे पर तेजी से नज़र रखी. विशेष रूप से अप्रैल-अगस्त 2020 के दौरान 55% अग्रिम दावे हाल ही में पेश किए गए जो कोविड-19 से संबंधित थे, जबकि बीमारी के दावों से संबंधित इस अवधि के दौरान लगभग 31% अग्रिम निपटान किया गया था."

कोविड संकट का सबसे बुरा असर कम इनकम वाले वर्करों पर पड़ा है. श्रम मंत्रालय के आकलन के मुताबिक, "वेतन के हिसाब से विश्लेषण करने पर पता चला कि कोविड-19 को लेकर लगभग अग्रिम 75% और बीमारी संबंधी दावे लगभग 79% पीएफ ग्राहकों के लिए 15,000 हजार रुपये से कम के स्लैब से संबंधित थे. पीएफ अग्रिमों के समय पर भुगतान ने कई कम वेतन पाने वालों को कर्ज में डूबने से बचा लिया, जिससे इस प्रतिकूल समय के दौरान कार्यबल के सबसे कमजोर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा सहायता मिली."

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साफ़ है,  94 लाख से ज्यादा पीएफ फंड से विथड्रावल के आवेदनों का निपटारा दिखाता है कि आर्थिक संकट देश में बड़ा है और कितना गहराता जा रहा है.