दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत की अग्रिम जमानत अर्जी

इससे पहले  हाईकोर्ट ने पूछा था कि पहले आप यह बताइये कि आपने याचिका यहां क्यों दाखिल की?

दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज की गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत की अग्रिम जमानत अर्जी

हनीप्रीत ( फाइल फोटो )

नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट में गुरमीत राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत इंसा की जमानत याचिका   खारिज कर दी है. इससे पहले  हाईकोर्ट ने  पूछा था कि पहले आप यह बताइये कि आपने याचिका यहां क्यों दाखिल की? हनीप्रीत के वकील ने कहा कि वह याचिका दाखिल कर सकते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे दिल्ली में गिरफ्तार हो सकती हैं. दिल्ली उच्च न्यायालय ने हनीप्रीत की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. 
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सरेंडर करे हनीप्रीत
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा अगर हनीप्रीत भाग नहीं रहीं तो फिर सरेंडर कर दे. हनीप्रीत के वकील प्रदीप आर्य ने जैसे ही जज के सामने जमानत की मांग रखी तो चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने हंस कर पूछा, 'हनीप्रीत कहां है.' जवाब में वकील प्रदीप आर्य ने कोर्ट को बताया की हनीप्रीत की जान को खतरा है. हनीप्रीत के वकील ने कोर्ट में अर्जी लगाते हुए जल्द से जल्द इस मामले पर सुनवाई की मांग की. इस पर चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने कहा, 'आप ऐसे क्यों दिखा रहे हैं जैसे कि आप कोई केस लाए हों. कोर्ट की नजर में एक आरोपी की अर्जी है उसको खास तवज्जो नहीं दी जा सकती. हनीप्रीत की तरफ से याचिका में कहा गया कि उसने हाईकोर्ट के अलावा किसी दूसरी कोर्ट में याचिका दाखिल नहीं की है. वकील ने आरोप लगाते हुए कहा कि बेवजह उसके खिलाफ़ माहौल बनाया गया है और उसकी जान को खतरा है.
  
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देशद्रोह का मामला कैसे लगा दिया गया
हरियाणा पुलिस के DGP ने अपने बयान में कहा था कि उसकी जान को खतरा है. हनीप्रीत के वकील ने कहा कि वह हर समय पुलिस अधिकारियों की नजर में थीं. तब उनपर देशद्रोह का मामला कैसे लगा दिया गया. हरियाणा पुलिस की तरफ से विरोध किया गया. कहा गया कि केवल प्रेस के लिए ये सारी बातें हो रही हैं. हरियाणा पुलिस की तरफ से कहा गया कि DGP के जिस स्टेटमेंट का जिक्र कर रहे हैं वह कभी कहा ही नहीं गया.

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हाईकोर्ट ने हनीप्रीत के वकील से कहा कि आप उन्हें सरेंडर करने को कहें. यह सबसे आसान तरीका है. दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया कि यह घटना पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के दायरे में हुई. दिल्ली सरकार की तरफ से कहा गया गया कि एफआईआर, जांच और सुनवाई वहां चल रही है और हनीप्रीत ने यहां याचिका दाखिल की है. यह सही नहीं है. यह दुश्मन की बात कर रहे हैं आखिर वह कौन है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि हनीप्रीत का सही पता ए-9 जीके इनक्लेव है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि क्या हम वह दस्तावेज़ देख सकते हैं जिसका पता हनीप्रीत ने दिया है.

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जांच में सहयोग करना होगा
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि 3 हफ़्तों की सुरक्षा में क्या होगा. आपको अंत में जांच में सहयोग करना होगा. हनीप्रीत की तरफ से कहा गया कि तब तक पंजाब में माहौल शांत हो जाएगा. दिल्ली पुलिस ने कहा कि आप पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में क्यों नही जाते. हनीप्रीत के वकील ने कहा कि वे याचिका में यह नहीं कह रहीं हैं कि वह दिल्ली में हैं. वह कह रही हैं कि किसी काम से दिल्ली आई थीं. हरियाणा पुलिस की तरफ से कहा गया कि हनीप्रीत का परमानेंट पता सिरसा में है. जो उसके पासपोर्ट में भी लिखा है. ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट का जुरीडिक्शन नहीं बनता. 

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल होगी चाहिए थी याचिका
हरियाणा पुलिस की तरफ से कहां गया कि याचिका को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में दाखिल होनी चाहिए थी. आखिर वह पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट क्यों नहीं जा रही है. वह यह भी नहीं कह सकती कि दिल्ली में परमानेंट रहती है. हरियाणा पुलिस ने कहा कि हनीप्रीत की याचिका को खारिज किया जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने कहा कि तय सीमा के भीतर वह सरेंडर करें. कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने तक फैसला सुरक्षित रख लिया. 


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