कोरोना के कहर से खौफ में डॉक्टर, बोले- 'बेहतरी की कर रहे हैं उम्मीद, लेकिन बुरे दौर के लिए भी तैयार'

संक्रमितों की देखभाल कर रहीं नर्स ज्योति इस्टर ने कहा कि यह निश्चित रूप से हमें डराता है क्योंकि आप नहीं जानते हैं कि संक्रमण कैसे शरीर में प्रवेश करेगा. 

कोरोना के कहर से खौफ में डॉक्टर, बोले- 'बेहतरी की कर रहे हैं उम्मीद, लेकिन बुरे दौर के लिए भी तैयार'

स्थिति बेहतर होने की उम्मीद हैं, लेकिन मानसिक और शारीरिक तौर पर बुरी परिस्थितियों के लिए भी तैयार

नई दिल्ली:

देश में कोरोनावायरस का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसको लेकर डॉक्टरों की चिंता भी बढ़ती जा रही है. देश के शीर्ष प्राइवेट अस्पतालों में से एक में डॉक्टर प्रोटेक्टिव सूट पहन कर आईसीयू में मरीज़ों की देखभाल में जुटे हैं. सारे बेडों पर कोरोना के मरीज़ है. लगातार इस बात का डर बढ़ता जा रहा है कि हालात और बुरे होने वाले हैं. दिल्ली के मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में राउंड के दौरान डॉक्टर देवेन जुनेता ने एएफपी को बताया, "हम नहीं जानते कि कब कोरोना चरम पर जाएगा." उन्होंने कहा, "हम सभी स्थिति बेहतर होने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन हम मानसिक और शारीरिक तौर पर बुरी परिस्थितियों के लिए भी तैयार हो रहे हैं." 

कोरोनावायरस के तेज प्रसार के बीच सरकार ने देशभर में लगाए गए लॉकडाउन में एक जून से ढील दी है, जिसके बाद लोगों को आवाजाही के मोर्चे पर काफी रियायत मिली है. देश में रोजाना लगभग 10,000 COVID-19 संक्रमित नए मरीज़ सामने आ रहे हैं. कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा तीन लाख के करीब पहुंच गया है. 

दिल्ली में स्थितियां और भी बद्दतर होती हुईं नजर आ रही हैं. दिल्ली सरकार ने जुलाई अंत तक पांच लाख से ज्यादा मामले हो जाने की आशंका जताते हुए बेडों की व्यवस्था करने की बात कही है.    

डॉक्टर जुनेजा ने बताया, " इस मुश्किल घड़ी में हम सभी अपने मनोबल को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. हम अपने को प्रेरित कर रहे हैं और हर दिन मरीज़ों के इलाज के लिए जा रहे हैं." उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में कोरोनावायरस के मामलों में तेज वृद्धि हुई है. इसके साथ ही बेडों की मांग भी बढ़ी है. 

जुनेजा ने कहा, "निश्चित तौर पर इससे हमारे ऊपर बोझ बढ़ा है. हम अपने मरीज़ों को जल्द से जल्द ठीक करना चाहते हैं और मरीजों के लिए ज्यादा से ज्यादा बेड उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं."

संक्रमितों की देखभाल कर रहीं नर्स ज्योति इस्टर ने कहा कि यह निश्चित रूप से हमें डराता है क्योंकि आप नहीं जानते हैं कि संक्रमण कैसे शरीर में प्रवेश करेगा. 

वहीं कोरोना वार्ड में तैनात नर्स विनिता ठाकुर ने कहा कि गर्मी में काफी समय तक पीपीई सूट पहनने के लिए "शारीरिक और मानसिक साहस" की जरूरत होती है. उन्होंने कहा, "पीपीई  पहनने के बाद हम पानी नहीं पी सकते, खाना नहीं खा सकते, यहां तक कि वॉशरूम भी नहीं जा सकते हैं. बहुत पसीना आता है और इसकी वजह से जलन और रेशस हो जाते हैं, लेकिन हमें ऐसा करना पड़ता है क्योंकि हम स्वास्थ्य योद्धा (Frontline) हैं. हम कोई बहाना नहीं कर सकते हैं."

वीडियो: महाराष्ट्र में कोरोना का कहर जारी, संक्रमितों का आंकड़ा एक लाख के पार पहुंचा
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