'तकनीकी कारणों' के चलते जीडीपी वृद्धि दर गिरकर 5.7 प्रतिशत पर पहुंची : अमित शाह

शाह ने कहा कि यूपीए सरकार के समय 2013-14 में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत थी जो मोदी सरकार में बढ़कर 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गई.

'तकनीकी कारणों' के चलते जीडीपी वृद्धि दर गिरकर 5.7 प्रतिशत पर पहुंची : अमित शाह

शाह ने कहा कि एनपीए मोदी सरकार को विरासत में मिले था...

नई दिल्ली:

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को जीडीपी की वृद्धि दर पिछली तिमाही में गिरकर 5.7 प्रतिशत पर आ जाने पर बिल्कुल अलग ढंग से सफाई दी. उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ 'तकनीकी कारणों' से हुआ था. अपने तर्क पर जोर देते हुए उन्होंने जोड़ा कि यूपीए सरकार के समय 2013-14 में जीडीपी की वृद्धि दर 4.7 प्रतिशत थी जो मोदी सरकार में बढ़कर 7.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. उन्होंने आगे कहा कि नोटबंदी से औपचारिक अर्थव्यवस्था का आकार बढ़ा है और इससे काला धन सरकारी तंत्र में आया है जिसका इस्तेमाल लोगों के फायदे के लिए किया जा रहा है. शाह ने शीर्ष उद्योग संगठन फिक्की के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे.

नोटबंदी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए सरकार द्वारा लिए गये कठिन निर्णयों का एक उदाहरण है. शाह ने यह बात ऐसे समय में कही है जब रिजर्व बैंक ने बंद किये गये 99 प्रतिशत नोट के वापस बैंकिंग तंत्र में लौट जाने की बात कही है, जिसके बाद विपक्षी दल नोटबंदी को लेकर नये सिरे से आलोचना कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बोले - पटनायक सरकार 'फुंके हुए ट्रांसफॉर्मर की तरह' है

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "मुझे पूरा यकीन है कि नोटबंदी के कारण औपचारिक अर्थव्यवस्था बढ़ी है. जहां तहां पड़ा पैसा अब अर्थव्यवस्था का हिस्सा है." उन्होंने आगे कहा कि यह सरकार नीतिगत निर्णयों को वोटबैंक से जोड़कर नहीं देखती है.

शाह ने कहा कि प्रत्यक्ष कर दाताओं की संख्या पिछले तीन साल में 3.7 करोड़ से बढ़कर 6.4 करोड़ हो गई है और 30 करोड़ नए बैंक खाते खुले हैं जिसने औपचारिक अर्थव्यवस्था में हर किसी को जोड़कर इसे विस्तृत किया है.

उन्होंने कारोबार जगत से सरकार द्वारा वैश्विक स्तर पर निर्मित ‘ब्रांड इंडिया’ का फायदा उठाने का आह्वान करते हुए दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का सबसे महत्वपूर्ण योगदान लोगों के सोचने का तरीका बदल देना है. उन्होंने अफ्रीकी देशों में निवेश की भारी संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उद्योग जगत को इस अवसर का इस्तेमाल वैश्विक विस्तार में करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: जानें बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने क्यों की कम्युनिस्ट पार्टियों की तारीफ...

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अल्पकालिक लाभ के बजाय दीर्घकालिक लक्ष्यों पर ध्यान दे रही है. प्रत्यक्ष लाभ हंस्तातरण वर्ष 2014 के 8.5 करोड़ लोगों के बजाय अब 36 करोड़ लोगों तक पहुंच रही है और इससे विभिन्न योजनाओं में दी जाने वाली छूट में 59 हजार करोड़ रुपये की बचत हुई है. इससे पहले यह धन भ्रष्टाचार के कारण गायब हो जाया करता था.



शाह ने बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) पर कहा कि मोदी सरकार को ये फंसे ऋण विरासत में मिले थे. इनमें से कोई भी कर्ज इस सरकार के कार्यकाल में नहीं दिया गया. यह मोदी सरकार का साहसिक कदम था कि बैंकों के बैलेंस शीट में एनपीए को दिखाने के लिए कहा गया.
(इनपुट भाषा से भी)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com