जीएसटी काउंसिल के फैसले से आम लोगों को राहत, 28 फीसदी के GST स्लैब से 178 सामान हटे

आम लोगों और कारोबारियों की ओर से लगातार बढ़ते दबाव के बीच जीएसटी काउंसिल ने 178 सामानों को 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब से हटा दिया है.

जीएसटी काउंसिल के फैसले से आम लोगों को राहत, 28 फीसदी के GST स्लैब से 178 सामान हटे

प्रतीकात्मक तस्वीर

खास बातें

  • जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गये कई अहम फैसले.
  • जीएसटी काउंसिल ने 178 सामानों को 28 फीसदी के स्लैब से हटाया.
  • करीब 80 फीसदी चीजों को 18 फीसदी के स्लैब में लाया गया.
गुवाहाटी:

अब जल्द ही बहुत सारे सामान की कीमत कम होने वाली है. आम लोगों और कारोबारियों की ओर से लगातार बढ़ते दबाव के बीच जीएसटी काउंसिल ने 178 सामानों को 28 फीसदी के जीएसटी स्लैब से हटा दिया है. इसके अलावा कई दूसरी चीजों पर भी जीएसटी की दर कम की गई है. आमलोगों को सबसे बड़ी राहत रेस्टोरेंट को लेकर मिली है. गुवाहाटी में दो दिन चली जीएसटी काउंसिल की बैठक में वो अहम फ़ैसला हो गया, जिसका सबको इंतजार था. काउंसिल ने तय किया है कि 28 फीसदी टैक्स वाले स्लैब से 178 सामान बाहर किए जाएंगे. पहले 228 सामान पर 28 फीसदी टैक्स लगता था. अब बस 50 सामान इस स्लैब में रह जाएंगे. यानी करीब 80 फीसदी चीजों को 18 फीसदी के स्लैब में लाया गया है. 

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फैसले का ऐलान करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुवाहाटी में कहा, "इन नए टैक्स रेट को 15 नवंबर से लागू किया जाएगा. केन्द्र और राज्य सरकारें इसके लिए जरूरी नोटिफिकेशन जारी करेंगी." जिन सामान पर टैक्स घटाने का फैसला हुआ है, उनमें शैंपू, टूथपेस्ट, शेविंग क्रीम, आफ्टर शेव लोशन, जूता पॉलिश, चॉकलेट और च्यूइंगम आदि हैं. जेटली ने कहा, "इलेक्ट्रिक गुड्स, सैनिटरी फिटिंग्स, डिटरजेन्ट्स, मार्बल फ्लोरिंग, टायलेटरीज को भी 18% के स्लैब में लाया गया है." 

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दरअसल, ये तय किया गया है कि 28 फीसदी की स्लैब में सेस वाले आईटम जैसे लग्जरी और सिन गुड्स, एयरक्राफ्ट और यॉट के पार्ट्स जैसे सामानों को छोड़कर सभी को हटा दिया जाए. हालांकि, माना जा रहा है कि आमलोगों को सबसे बड़ी राहत रेस्टोरेंट के खाने को लेकर मिली है, जिसकी अब सिर्फ एक दर 5 फीसदी रखी गई है. जेटली ने कहा, "जो भी ग्राहक रेस्टोरेन्ट जाएगा, उसको अब 18% के बजाय 5% टैक्स देना पड़ेगा. रेस्टोरेंट को अब ITC का फायदा नहीं मिलेगा." 

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कांग्रेस ने दावा किया है कि ये फैसला उसके दबाव में लिया गया है. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता, रणदीप सुरजेवाला ने एनडीटीवी से कहा, "इस फैसले से लोगों को अंतरिम राहत मिलेगी. कांग्रेस ने एक Good and Simple Tax conceive किया था लेकिन मोदी जी ने उसे गब्बर सिंह टैक्स बना दिया." वैसे शुक्रवार को ही बीजेपी के बागी नेता यशवंत सिन्हा ने जीएसटी को बिना दिमाग की कसरत करार दिया.

उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि इससे राजस्व का कितना नुकसान होगा. पिछले एक महीने में ये दूसरा मौका है जब जीएसटी काउंसिल ने राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण और संवेदनशील ज़रूरत के सामानों पर टैक्स बड़े स्तर पर घटाने का फैसला किया है. लेकिन अब भी कई सेक्टर हैं जिन पर टैक्स रेट घटाने का दबाव सरकार पर बढ़ता जा रहा है. अब देखना होगा कि जीएसटी काउंसिल इन मांगों से कैसे निपटती है.

VIDEO -  जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिये गये अहम फैसले
 


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