बीजेपी में जाने से इनकार नहीं, लेकिन इसके लिए मैंने कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया : अमर सिंह

समाजवादी पार्टी से निष्कासित नेता ने कहा- अवसर मिलेगा तो ऐसा नहीं कि बीजेपी में जाऊंगा नहीं, लेकिन मुझे यह अवसर दे कौन रहा है?

बीजेपी में जाने से इनकार नहीं, लेकिन इसके लिए मैंने कोई प्रार्थना पत्र नहीं दिया : अमर सिंह

अमर सिंह (फाइल फोटो).

खास बातें

  • कहा- मोदी में कोई बुराई दिखाई देगी तो उनकी आलोचना भी करेंगे
  • विपक्षी दलों पर केवल विरोध की राजनीति करने का आरोप लगाया
  • अमर सिंह ने कहा- मौजूदा राजनीति का स्वरूप बहुत क्रूर और निष्ठुर
इंदौर:

वरिष्ठ नेता अमर सिंह ने शनिवार को कहा कि वे बीजेपी में शामिल होने की किसी पेशकश से इनकार नहीं करेंगे लेकिन उन्होंने बीजेपी से जुड़ने के लिए कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया है.

समाजवादी पार्टी से निष्कासित सिंह ने इंदौर में एक फिल्म के विशेष शो में शामिल होने के दौरान संवाददाताओं से कहा, "बीजेपी बहुत बड़ा दल है. मैं यह नहीं कहूंगा कि यदि मुझे अवसर मिलेगा, तो मैं बीजेपी में नहीं जाऊंगा. लेकिन मुझे यह अवसर दे कौन रहा है. मैंने यह अवसर हासिल करने के लिए कोई प्रार्थना पत्र भी नहीं दिया है."

यह भी पढ़ें : अमर सिंह का आजम खान पर करारा वार, सपा नेता को बताया 'पापी', 'भ्रष्ट' व 'दुराचारी'

अमर सिंह ने एक सवाल पर कहा कि उन्हें यदि मोदी में कोई बुराई दिखाई देगी, तो वे उनकी आलोचना भी करेंगे. लेकिन इस तथ्य को कौन नकार सकता है कि प्रधानमंत्री की मां और उनके नजदीकी ​रिश्तेदार आज भी आम नागरिकों की तरह जीवन-यापन करते हैं और सरकारी अस्पतालों में इलाज कराते हैं.

यह भी पढ़ें : पहले पिता ने बाहर निकाला, फिर बेटे ने, अब सपा में कभी वापस नहीं लौटूंगा : अमर सिंह

अमर सिंह ने मोदी सरकार के विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि फिलहाल केवल विरोध के नाम पर विरोध की राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा, "जीएसटी की शुरुआत के लिए संसद में बुलाए गए विशेष सत्र से कांग्रेस महज इसलिए गायब रही, क्योंकि नई कर प्रणाली के बारे में मोदी घोषणा कर रहे थे. इन दिनों इस तरह की राजनीति का जो स्वरूप देखने को मिल रहा है, वह बहुत क्रूर और निष्ठुर है."

VIDEO : मोदी की तुलना भगवान से

उन्होंने बागी जेडीयू नेता शरद यादव पर निशाना साधते हुए कहा, "यादव पहले यह बताएं कि अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में जब वे एनडीए के संयोजक थे, तब उन्हें देश में सांप्रदायिकता क्यों नहीं नजर आ रही थी. इन दिनों देश की सियासत में सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता एक मजाक बनकर रह गई है."
(इनपुट भाषा से)


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com