आतंकी कैंप पर हमले के लिए एयरफोर्स ने आखिर मिराज-2000 को ही क्यों चुना?

Mirage 2000: इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल मिराज- 2000 (Mirage 2000) डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट यानी लड़ाकू विमान है. यह अंदर तक घुसकर मार करने वाला विमान है.

आतंकी कैंप पर हमले के लिए एयरफोर्स ने आखिर मिराज-2000 को ही क्यों चुना?

Mirage 2000: एयरफोर्स के बेड़े में शामिल मिराज- 2000 (Mirage 2000) डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट है

नई दिल्ली :

पुलवामा हमले के दो हफ्तों के अंदर ही भारतीय वायुसेना ने आतंकियों को मुहतोड़ जवाब दिया है. एयरफोर्स ने एलओसी के पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर 1000 किलो के बम गिराये हैं. जानकारी के मुताबिक तड़के 3 बजे चलाए गए ऑपरेशन में एयरफोर्स के 12 मिराज फाइटर प्लेन शामिल थे. इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल मिराज- 2000 (Mirage 2000) डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट यानी लड़ाकू विमान है. यह अंदर तक घुसकर मार करने वाला विमान है और इसकी खास बात यह है कि ये भीतर तक जाकर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है. पिछले हफ्ते पोखरण में हुए वायुशक्ति में मिराज ने अपनी ताकत दिखाई थी. उसे जो भी लक्ष्य दिया गया उसको तबाह कर दिया था. 

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मिराज (Mirage 2000)  एयर टू सर्फेस मिसाइल भी कैरी कर सकता है. ये वो मिसाइल जो हवा से जमीन पर मार कर सकती हैं. मिराज में 9 हार्ड पॉइंट होते हैं. यानी 9 पॉइंट्स पर हथियार ले जा सकता है. एक और बड़ी खास बात यह है कि मिराज को रडार भी आसानी से पकड़ नही सकता है. आपको बता दें कि 80 के दशक का मिराज- 2000 इंडियन एयरफोर्स बेड़े में शामिल सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है. मिराज (Mirage 2000) भी उसी दसॉ एविएशन का बनाया है जो रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट बना रही है. मिराज इंडियन एयरफोर्स के अलावा फ्रांस, यूएई और चीन के एयरफोर्स बेड़े में भी शामिल है.

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आपको बता दें एयरफोर्स की कार्रवाई में मिराज (Mirage 2000) के अलावा डीआरडीओ के बनाये गये मिनी अवाक्स भी शामिल थे, जो करीब 200 किलोमीटर दूर तक हर हरकत पर नज़र रख सकते हैं. साथ में हवा में ईंधन भरने वाला एयर टू एयर रीफ्यूल भी था. करगिल युद्ध के समय भी मिराज ने बिना एलओसी क्रॉस किए पाकिस्तानी में मौजूद आतंकी कैंपों को तबाह किया था. गौरतलब है कि कारगिल जंग के दौरान जो मिग -21 के कमांडिंग ऑफिसर थे वो आज वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोवा है. उन्होंने भी उस वक़्त मिग -21 से पाक घुसपैठियों को निशाना बनाया था. 

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आपको बता दें कि भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि 14 फरवरी को जैश ए मोहम्मद ने सीआरपीएफ पर फिदायीन हमला किया था. ये संगठन पाकिस्तान में दो दशक से सक्रिय है. पाकिस्तान को उनके कैंप के बारे में लगातार जानकारी दी जाती रही है, लेकिन उन्होंने इनकार किया है. उन्होंने कोई एक्शन नहीं लिया. हमें सूचना मिली कि वे देश में और फिदायीन हमले कर सकते हैं. इसके बाद भारत ने बालाकोट में जैश के कैंप पर कार्रवाई की. जिसमें जैश के आतंकी और ट्रेनर ढेर हुए हैं. जैश कमांडर युसूफ अजहर भी मारा गया, वही यह कैंप चल रहा था. 

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