एनएमसी विधेयक के विरोध में कल देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल, सिर्फ आपात सेवाएं देंगे

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक- 2019 का विरोध, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बुधवार को देश भर के डॉक्टरों से हड़ताल करने का आह्वान किया

एनएमसी विधेयक के विरोध में कल देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल, सिर्फ आपात सेवाएं देंगे

एनएमसी विधेयक के विरोध में बुधवार को देश भर के डॉक्टर हड़ताल करेंगे.

खास बातें

  • कहा- सेक्शन 32 से 3.5 लाख नौसिखियों को प्रैक्टिस करने की इजाजत मिलेगी
  • नीम हकीम भी डॉक्टर बन जाएंगे, प्राइवेट कॉलेज मनमर्ज़ी से फ़ीस तय करेंगे
  • बुधवार को सुबह छह बजे से गुरुवार को सुबह छह बजे तक हड़ताल
नई दिल्ली:

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार को देश भर में डॉक्टर हड़ताल करेंगे. एसोसिएशन ने डॉक्टरों से आह्वान किया है कि वे बुधवार को सुबह छह बजे से गुरुवार को सुबह छह बजे तक ओपीडी न चलाएं और हड़ताल करें. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) यह आंदोलन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) विधेयक- 2019 के विरोध में कर रहा है. आईएमए के महासचिव डॉक्टर आरवी अशोकन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उक्त जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लोकसभा ने कल हमारे हितों का ध्यान नहीं रखा. हमने पूरे देश के डॉक्टरों से कल पूरे देश में OPD नहीं चलाने की अपील की है. यानी बुधवार को सुबह छह बजे से लेकर गुरुवार को सुबह छह बजे तक हड़ताल की जाएगी. आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी.

उन्होंने कहा कि हमने मेडिकल छात्रों की कक्षाओं का बॉयकाट करने का फ़ैसला किया है. सरकार हमारी सुनने को तैयार नहीं है. हमारा सबसे बड़ा विरोध सेक्शन 32 से है जो 3.5 लाख नौसिखियों को प्रैक्टिस करने की इजाजत देता है. इस बिल से नीम हकीम भी डॉक्टर बन जाएंगे. प्राइवेट कॉलेज अब अपनी मनमर्ज़ी से फ़ीस तय कर सकेंगे. गरीब बच्चों का पढ़ना मुश्किल हो जाएगा. इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा. हम सरकार से अपील करते हैं कि इस बिल के कई प्रावधानों को हटाया जाए.

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इससे पहले सोमवार को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आह्वान पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2019 के विरोध में समूचे देश के 5,000 से अधिक डॉक्टरों, मेडिकल छात्रों और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों ने दिल्ली में एम्स से निर्माण विहार तक मार्च निकालकर प्रदर्शन में किया था.

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आईएमए देश में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की सबसे बड़ी संस्था है, जिसमें करीब तीन लाख सदस्य हैं. एनएमसी विधेयक मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की जगह लेगा और आईएमए इस विधेयक का विरोध कर रहा है. आईएमए ने कहा कि यह विधेयक ‘‘गरीब और छात्र विरोधी'' है तथा मौजूदा संस्करण में सिर्फ दिखावटी बदलाव किए गए हैं जबकि चिकित्सा बिरादरी द्वारा उठाई गई मूल चिंताएं अब भी जस की तस हैं.

VIDEO : मेडिकल बिल के विरोध में प्रदर्शन

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