फर्जी बाबा घोषित किए जाने से बौखलाए आसाराम, बोले- 'मैं संत नहीं, गधा हूं'

पत्रकार के सवाल पर नाराज हुए आसाराम, खुद को ‘गधे की श्रेणी’ का बाबा कहा

फर्जी बाबा घोषित किए जाने से बौखलाए आसाराम, बोले- 'मैं संत नहीं, गधा हूं'

आसाराम ने फर्जी बाबा घोषित होने के सवाल पर खुद को गधा कहा.

खास बातें

  • आसाराम पर नाबालिग लड़की के कथित यौन उत्पीड़न का मामला
  • जोधपुर की अदालत में सुनवाई के लिए आए आसाराम
  • अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के फैसले पर प्रतिक्रिया लेने पर बिफरे
जोधपुर:

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद द्वारा ‘‘फर्जी’’ बाबा घोषित पर आसाराम नाराज है. आसाराम से जब एक पत्रकार ने पूछा कि वह किस श्रेणी के 'बाबा' हैं तो वह बिफर पड़े. उन्होंने खुद को 'गधा' कहा. आसाराम पत्रकार के सवाल पर नाराज हो गए. उन्होंने खुद के लिए कहा कि वह ‘‘गधे’’ की श्रेणी में आते हैं. नाबालिग लड़की के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर में अदालत की सुनवाई का सामना कर रहे आसाराम को गुरुवार को अदालत परिसर में लाया गया था. इस दौरान आसाराम से अखाड़ा परिषद के फैसले पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी. पत्रकार ने पूछा चूंकि अखाड़ा परिषद ने साफ कर दिया है कि आसाराम न तो संत है और न ही प्रवचनकर्ता है, तो वह किस श्रेणी में आते हैं. इस पर आसाराम ने कहा, ‘‘गधे की श्रेणी में.’’

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गौरतलब है कि गुरमीत राम रहीम को सजा मिलने के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने देश के 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी की थी. इलाहाबाद में अपनी कार्यकारिणी की बैठक में इन बाबाओं की लिस्ट जारी की गई. इस लिस्ट में आसाराम उर्फ आशुमल शिरमानी, सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां, सचिदानंद गिरी उर्फ सचिन दत्ता, गुरमीत राम रहीम, डेरा सच्चा सिरसा, ओम बाबा उर्फ विवेकानंद झा, निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह, इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी, स्वामी असीमानंद, ऊं नम: शिवाय बाबा, नारायण साईं, रामपाल, खुशी मुनि, बृहस्पति गिरि और मलकान गिरि समेत कुल 14 नाम शामिल हैं.

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में देश के सभी 13 अखाड़े शामिल हैं, जिसमें लाखों की संख्या में साधु-संत हैं. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी ने NDTV से कहा था कि काफी दिनों से फर्जी बाबाओं के द्वारा बलात्कार, शोषण और देश की भोली-भाली जनता को ठगने की खबरें आती रही हैं. कई बाबाओं के खिलाफ देश की अदालतें भी फैसला दे चुकी हैं. ऐसे में हिंदू धर्म और संत समाज की बदनामी होती है. इसलिए परिषद ने ये फैसला लिया है कि वह स्वयं फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी कर दे, ताकि जनता उनसे सचेत रहें.


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