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सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम के पेट में दर्द है, उनकी पीठ में दर्द (Back Pain) है. तिहाड़ में इन्हें बैठने के लिए कुर्सी तक नहीं दी गई है. सिर्फ बेड है पिलो तक नहीं दिया गया है. उन्होंने बताया कि तीन दिन पहले तक कुर्सी थी, जिसे अब हटा दिया गया है. वह दिन भर बेड पर नहीं बैठ सकते, इस वजह से उनकी पीठ में दर्द हो गया है. वहीं, पी चिदंबरम ने भी कोर्ट में अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि तीन दिन पहले तक हॉल में तीन कुर्सी थी. दिन में वहां बैठता था, लेकिन मेरी वजह से कुर्सी हटा ली गईं. अब वार्डन के बैठने के लिए भी कुर्सी नहीं है.
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बता दें कि सुनवाई के दौरान सीबीआई ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने की मांग की थी. सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग की और कहा कि चिदंबरम को जिस दिन पहली बार जेल भेजा गया था, तब से परिस्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वहीं, चिदंबरम की पैरवी कर रहे कपिल सिब्बल ने न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाने के सीबीआई के अनुरोध का विरोध किया.
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सिब्बल ने चिदंबरम की ओर से अदालत से अनुरोध किया कि उनके मुवक्किल को न्यायिक हिरासत के दौरान तिहाड़ जेल में रहते हुए समय-समय पर मेडिकल जांच तथा पर्याप्त मात्रा में पूरक आहार मुहैया कराए जाए. उन्होंने कहा कि 73 वर्षीय चिदंबरम को कई बीमारियां हैं और हिरासत में रहते हुए उनका वजन भी कम हुआ है.
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क्या है आरोप?
पी चिदंबरम पर आरोप है कि उनके वित्त मंत्री रहते विदेशी निवेश को मंज़ूरी दी गई. CBI ने इस मामले में उनके बेटे कार्ति को भी गिरफ़्तार किया था और फिलहाल जमानत पर हैं. कार्ति पर 2007 में आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने के लिए पैसे लेने का आरोप है. उस वक्त उनके पिता यूपीए सरकार में वित्तमंत्री थे. सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी.
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सीबीआई का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिलाने में अनियमितताएं बरती गईं और 305 करोड़ रुपये विदेशी निवेश हासिल किया गया. सीबीआई ने शुरू में आरोप लगाया था कि एफआईपीबी मंजूरी को सुविधाजनक बनाने के लिए कार्ति को रिश्वत के रूप में 10 लाख रुपये मिले थे. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय मामले की जांच कर रही है.
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