क्या है जामिया में हुए बवाल के बाद सबसे ज्यादा वायरल हुए इस वीडियो के पीछे की कहानी?

रविवार को जामिया में हुई हिंसा से संबंधित एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है. जिसमें 5 लड़कियां एक लड़के को बचाने के लिए पुलिस वालों को पीछे खदेड़ रही हैं.

खास बातें

  • जामिया में हुई हिंसा से संबंधित वीडियो वायरल
  • जानें इस वीडियो के पीछे की कहानी?
  • '...लेकिन पुलिस वाले फिर भी लाठी बरसाते रहे'
नई दिल्ली:

रविवार को जामिया में हुई हिंसा से संबंधित एक वीडियो बहुत वायरल हो रहा है. जिसमें 5 लड़कियां एक लड़के को बचाने के लिए पुलिस वालों को पीछे खदेड़ रही हैं. वीडियो में देखा जा सकता है कि लड़कियां पुलिस वालों को 'गो बैक गो बैक' करके पीछे हटा रही हैं. लेकिन आखिरी में जब एक लड़का इन लड़कियों से कुछ आगे आता है तो पुलिस उसको खींच लेती है और उस पर लाठियां बरसाती है. इस लड़के को बचाने के लिए लड़कियां पुलिस वालों की लाठियों के सामने आ जाती हैं और लड़के को बचाने की कोशिश करती हैं. लेकिन पुलिस वाले फिर भी लाठी बरसाते रहते हैं और फिर चले जाते हैं.

एनडीटीवी इंडिया ने इस वीडियो की हकीकत और इसके पीछे की कहानी जानने की कोशिश की. इस वीडियो में नजर आ रही 5 लड़कियां और एक पीटने वाला लड़का सभी जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र हैं. एनडीटीवी इंडिया ने इस वीडियो में शामिल छात्रों से बात की.

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घटनास्थल पर क्या हुआ था?

इस वीडियो में जो छात्र पुलिस की लाठियों से पीट रहा है उसका नाम है शाहीन अब्दुल्लाह. शाहीन जामिया के कन्वर्जेंस जर्नलिज्म के छात्र हैं. शाहीन जामिया मिलिया इस्लामिया में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थे लेकिन रविवार को वो एक मीडिया संगठन मख्तूम मीडिया के लिए इस विरोध प्रदर्शन को कवर कर रहे थे.

शाहीन अब्दुल्लाह ने एनडीटीवी इंडिया को बताया ''मैं इस आंदोलन का हिस्सा हूं, साथ ही मैं मकतूम मीडिया नाम के मीडिया संगठन जिसके लिए मैं काम करता हूं; उसके लिए इसको कवर कर रहा था. शाम के समय जब जामिया से विरोध मार्च निकल रहा था तब पुलिस ने जब लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े तो हम लोग न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के एक घर में जा घुसे. पुलिस वाले हमारे पीछे आए और बोलने लगे कि तू बाहर निकल. यह पांचों लड़कियां मुझे बचाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैं जानता था कि पुलिस वाले इनको भी बहुत बुरी तरह से मारेंगे. इसलिए मैं आगे आया तो पुलिस वालों ने मुझे खींचकर मारना शुरू कर दिया.''

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एनडीटीवी इंडिया ने पूछा कि क्या इसका मतलब यह है कि आप लड़कियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे और लड़कियां आप को बचाने की कोशिश कर रही थी? इस पर शाहीन ने कहा, ''मुझे नहीं पता कि मैंने लड़कियों को बचाया या नहीं लेकिन हां इन्होंने मुझे ज़रूर बचाया है.'' शाहीन ने बताया की पुलिस की पिटाई के दौरान उनकी नाक पर चोट लगी है साथ ही कंधा डिसलोकेट हो गया है.

'हिम्मत वाली लड़कियां'

इस वीडियो में पुलिस को 'गो बैक गो बैक' कहकर पीछे हटने को मजबूर करने वाली और सबसे आगे रहने वाली लड़की आयशा रेन्ना हैं, जो जामिया में इतिहास की पढ़ाई कर रही हैं. आयशा से एनडीटीवी ने पूछा कि आप घटना के समय डर गई थी या डरा रही थी? तो आएशा ने बताया, ''मैं बीजेपी सरकार को डराना चाहती थी. मैं उन सभी अथॉरिटी/एजेंसी को डराना चाहती थी जो माइनॉरिटी को काफी समय से टारगेट कर रही हैं. मैं बिल्कुल नहीं डर रही. जामिया में कोई नहीं डर रहा. दिल्ली पुलिस बीजेपी और अमित शाह के इशारे पर काम कर रही है. यह बात सब जानते हैं.'

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आयशा ने स्वीकार किया कि वह विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थी. आयशा के पैर में इस घटना के दौरान चोट भी लगी है. लेकिन ऐसा कहती हैं कि हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

इस वीडियो में लेदीदा फरज़ाना नाम की लड़की भी 'गो बैक गो बैक' कहते हुए पुलिस को पीछे हटा रही हैं. यह अरबी भाषा की पढ़ाई कर रही हैं. लेदीदा ने बताया, ''हम उस घर में इसलिए घुसे क्योंकि मुझे आंसू गैस से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. ये मुझे फर्स्ट AID देना चाहते थे. जब मैंने देखा कि शाहीन को पुलिस ने बुरी तरह मारा है तो मैं भूल गई कि मुझे सांस की दिक्कत हो रही है और मैंने इनको बचाने की कोशिश की.''

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लेदीदा का कहना है कि सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल देश के मुसलमानों के खिलाफ है. हमसे इनके खिलाफ लड़ेंगे एक दूसरे की सहायता करेंगे. इन्होंने (शाहीन) हमारी मदद की और हमने इनकी मदद की. हम लोग जामिया में चल रहे प्रोटेस्ट का हिस्सा थे. हमको चोट लगी है, हमारी दोस्त को चोट लगी है लेकिन हम लड़ाई जारी रखेंगे.'