माकपा महासचिव सीताराम येचुरी एवं पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार सहित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कई पूर्व छात्रों ने विश्वविद्यालय में हिंसा को लेकर केन्द्र पर हमला बोला और आरोप लगाया कि सरकार संविधान को ‘‘नष्ट'' करने का प्रयास कर रही है. विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों की बैठक को संबोधित करते हुए येचुरी ने जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराये जाने पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि यह सोच समझ कर उठाया गया कदम है. माकपा महासचिव ने कहा, ‘हम संविधान की रक्षा कर रहे हैं और यदि कोई राष्ट्रद्रोही है तो वह सरकार है जो संविधान को नष्ट करने का प्रयास कर रही है.'
भाकपा नेता एवं जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, ‘जेएनयू सदैव उन मुद्दों की चर्चा करता है जिनकी खबर भी नहीं बनती. सरकार ने गलती कर दी है. उन्होंने एक बुद्धिमान और मेहनती शत्रु को चुन लिया है.' उन्होंने कहा कि जब उन्हें ‘‘टुकड़े टुकड़े गैंग'' का नेता कहा जाता है तो वह गौरवान्वित महसूस करते हैं.
दीपिका पादुकोण पहुंची जेएनयू, कन्हैया कुमार ने कहा- हम नहीं देख पाए
वहीं, बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों पर हुए हमले के बाद छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मंगलवार को जेएनयू पहुंची लेकिन उन्होंने वहां मौजूद लोगों को संबोधित नहीं किया. दीपिका शाम सात बज कर 40 मिनट पर विश्वविद्यालय परिसर पहुंची और उन्होंने एक जनसभा में हिस्सा लिया. यह बैठक रविवार को परिसर में छात्रों और शिक्षकों पर हुए हमले पर बातचीत के लिए जेएनयू शिक्षक संघ और जेएनयूएसयू ने बुलाई थी. जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार जिस वक्त आजादी के नारे लगा रहे थे दीपिका खड़ी हो गईं और जब तक जेएनयूएसयू नेता आइशी घोष ने बोलना शुरू किया दीपिका जा चुकी थीं.
मौजूद लोगों को संबोधित नहीं करने के दीपिका के निर्णय पर घोष ने टिप्पणी की,‘‘जब आप एक हस्ती हैं तो आपको बोलना चाहिए.' जेएनयूटीए सचिव सुरजीत मजूमदार ने कहा कि दीपिका छात्रों के प्रति एकजुटता दिखाने यहां आईं थीं. राष्ट्रीय राजधानी में अपनी आगामी फिल्म ‘छपाक' का प्रमोशन करने आईं 34 वर्षीय अभिनेत्री ने सोमवार को कहा था कि यह जरूरी है कि लोग बदलाव लाने के लिए अपने विचार व्यक्त करें.
दीपिका ने सोमवार रात ‘एनडीटीवी इंडिया' से कहा, ‘यह देखकर मुझे गर्व होता है कि हम अपनी बात कहने से डरे नहीं हैं... चाहे हमारी सोच कुछ भी हो, लेकिन मेरे ख्याल से हम देश और इसके भविष्य के बारे में सोच रहे हैं, ये अच्छी बात है.' ‘छपाक' की निर्देशक मेघना गुलजार ने कहा कि वह लोगों की पीड़ा महसूस कर सकती हैं, हालांकि मुद्दों की उन्हें अच्छी जानकारी नहीं है.
मेघना ने कहा, ‘निश्चित रूप से (हमारे भी) विचार हैं. हम भी इसी समाज में रहते हैं, इसलिए हम प्रतिक्रिया देंगे. दुर्भाग्य से हमारे पास पूरी जानकारी नहीं है, इसलिए इस वक्त टिप्पणी नहीं की जा सकती. लेकिन पीड़ा है, जागरूकता है.' उन्होंने कहा, 'मैं उम्मीद करती हूं कि अमन का माहौल बन जाए.'
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं