इन खबरों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर बताया, 'मुझे लगता है कि आज आधी रात से मुझे नजरबंद किया गया है और मुख्यधारा के अन्य नेताओं के लिए भी ये प्रक्रिया शुरू हो गई है.'
उधर पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी ट्वीट कर कहा, 'कैसी विडंबना है कि हमारे जैसे चुने हुए प्रतिनिधि जो शांति के लिए लड़े थे, घर में नजरबंद हैं. दुनिया देख रही है कि जम्मू-कश्मीर में लोगों और उनकी आवाज को दबाया जा रहा है. वह कश्मीर जिसने एक धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक भारत को चुना था, अकल्पनीय उत्पीड़न का सामना कर रहा है. जागो भारत जागो.'
इससे पहले एक और ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'ऐसे मुश्किल समय में मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहूंगी कि जो भी हो, हम साथ हैं और इससे लड़ेंगे.'
कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) के समर्थन में आए और कहा कि आप अकेले नहीं हैं. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने उमर अब्दुल्ला के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा, 'आप अकेले नहीं हैं उमर अब्दुल्ला. हर लोकतांत्रिक भारतीय कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं के साथ खड़ा है क्योंकि आप उसका सामना करेंगे जो भी देश के लिए सरकार के मन में है. संसद का सत्र अब भी चल रहा है और हमारी आवाज भी शांत नहीं होगी.
महबूबा मुफ्ती ने पीएम मोदी से की अपील, कहा- राज्य के विशेष दर्जे के साथ छेड़छा़ड न करें
बता दें कि इससे पहले बीजेपी को छोड़कर बाकी सियासी पार्टियों के बीच सर्वदलीय बैठक हुई. सुरक्षा कारणों के चलते होटल में बैठक की इजाज़त नहीं दी गई थी. इसके बाद नेशनल कॉन्फ़्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के घर सर्वदलीय बैठक हुई थी. बैठक में पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर, पीपुल्स मूवमेंट के नेता शाह फैसल और सज्जाद लोन भी शामिल हुए थे. सर्वदलीय बैठक के बाद फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पहचान, स्वायत्तता और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर सभी पार्टियां एक साथ हैं. उन्होंने लोगों से अमन की अपील भी की.
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नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बैठक में स्वीकार किए गए प्रस्ताव के हवाले से कहा था कि पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजने तथा संविधान के अनुच्छेद 370 और 35-ए को रद्द करने की किसी कोशिश के परिणामों से उन्हें अवगत कराने का फैसला किया है. बैठक में यह भी कहा गया कि 35 ए और 370 से छेड़छाड़ को किसी भी हाल में मंजूर नहीं किया जाएगा.
यह भी पढ़ें: 'कल के बारे में नहीं जानता लेकिन आज चिंतित होने की जरूरत नहीं'- जम्मू कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिकबैठक में पार्टियों ने भारत और पाकिस्तान से ऐसा कोई कदम नहीं उठाने की अपील की है, जो क्षेत्र में तनाव बढ़ाता हो. उन्होंने राज्य के लोगों से शांति बनाए रखने की भी अपील की. यह बैठक महबूबा के आवास पर प्रस्तावित थी, लेकिन अब्दुल्ला के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए इसका आयोजन नेकां नेता के आवास पर हुआ. सुरक्षा कारणों को लेकर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा बीच में ही रोक दी और तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से यथाशीघ्र घाटी छोड़ने को कहा था.