दिग्विजय का राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन, कांग्रेस संकट में, आंकड़ों से बीजेपी जीत सकती है बाजी

बीजेपी ने सुमेर सिंह सोलंकी को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाकर आदिवासियों को साधने की कोशिश की

दिग्विजय का राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन, कांग्रेस संकट में, आंकड़ों से बीजेपी जीत सकती है बाजी

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को भोपाल में राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया.

खास बातें

  • तीन सीटों में से दो बीजेपी को मिलने की संभावना
  • 22 विधायकों के इस्तीफे से कांग्रेस का गणित बिगड़ा
  • ज्योतिरदित्य सिंधिया बीजेपी के उम्मीदवार
भोपाल:

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने 26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन दाखिल किया. उधर बुधवार को बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी ज्वाइन करने के चंद घंटों बाद ही राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी का प्रत्याशी घोषित कर दिया था. बीजेपी ने गुरुवार को अपने दूसरे उम्मीदवार का नाम भी घोषित कर दिया. बीजेपी ने सुमेर सिंह सोलंकी को राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाकर आदिवासियों को साधने की कोशिश की है.  

सोलंकी बड़वानी के सरकारी कॉलेज में इतिहास के सहायक प्राध्यापक हैं. खरगोन के पूर्व सांसद माखनसिंह सोलंकी के भतीजे आरएसएस से जुड़े हैं और बीजेपी का आदिवासी चेहरा हैं.    

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मध्यप्रदेश विधानसभा की मौजूदा सदस्य संख्या 228 को लेकर यदि आकलन किया जाए तो जिस उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 58 वोट मिल जाएंगे वह यह चुनाव जीत लेगा. पूर्व में कांग्रेस ने तीन रिक्त सीटों में से दो सीटें हासिल करने की योजना बनाई थी. लेकिन कांग्रेस के 22 विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं. यह इस्तीफे मंजूर होने पर बीजेपी की स्थिति मजबूत हो जाएगी. इस स्थिति में प्रत्येक सीट जीतने के लिए 52 वोटों की जरूरत होगी, क्योंकि तब विधानसभा की सदस्य संख्या 206 हो जाएगी.     
 
मध्यप्रदेश की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में मौजूदा सदस्य संख्या 228 है. इसमें कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं और उसे सात अन्य विधायकों का समर्थन हासिल है. यदि चुनाव की तिथि तक कांग्रेस के पास यही संख्या बल रहता है तो वह आसानी से दो सीटें जीत लेगी. लेकिन यदि 22 बागी विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो गए और विधानसभा सदस्यों की संख्या घटकर 206 हो गई तो कांग्रेस और उसके सहयोगियों की संख्या घटकर 99 रह जाएगी और 107 विधायकों के साथ बीजेपी दो राज्यसभा सीटें जीत लेगी जबकि कांग्रेस के हाथ में सिर्फ एक ही सीट आ पाएगी.