लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज़ सईद की 'बहन' आसिया अंदराबी से NIA कर रहा है पूछताछ

जांचकर्ताओं का कहना है कि आसिया अंदराबी कई सालों से लश्कर प्रमुख हाफिज़ सईद से रिश्तों को खुलेआम कबूल करती है, लेकिन उसे कानून का सामना कभी नहीं करना पड़ा.

लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज़ सईद की 'बहन' आसिया अंदराबी से NIA कर रहा है पूछताछ

आसिया के ऊपर कश्मीरी छात्रों को भड़काने का आरोप है

नई दिल्ली:

कश्मीरी अलगाववादी आसिया अंदराबी को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के दिल्ली स्थित मुख्यालय लाया गया था, जहां उससे पूछताछ की जा रही है. जांचकर्ताओं ने जानकारी दी है कि प्रतिबंधित संगठन दुख्तरान-ए-मिल्लत की 56-वर्षीय प्रमुख को NIA के लॉकअप में रखा गया है. हर कुछ घंटे बाद महिला अधिकारियों की एक नई टीम आसिया से सवाल करने के लिए पहुंचती है, और उससे पूछा जा रहा है कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज़ सईद से उसका क्या रिश्ता है, और वह हमेशा भारत के खिलाफ कड़ा रुख क्यों अपनाती है. आसिया अंदराबी पर कश्मीर घाटी में वर्ष 2016 में हुई बुरहान वानी की मौत के बाद विद्यार्थियों को विरोध प्रदर्शनों के लिए उकसाने में अहम भूमिका निभाने का आरोप है, और उसे अप्रैल में गिरफ्तार किया गया था. शुक्रवार को 10 दिन के लिए हिरासत में लेने का आदेश मिलने के बाद एजेंसी उसे पूछताछ के लिए श्रीनगर की जेल से दिल्ली ले आई थी.

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जांचकर्ताओं का कहना है कि आसिया अंदराबी कई सालों से लश्कर प्रमुख हाफिज़ सईद से रिश्तों को खुलेआम कबूल करती है, लेकिन उसे कानून का सामना कभी नहीं करना पड़ा. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, "उसने (आसिया अंदराबी ने) हाफिज़ सईद की एक रैली को टेलीफोन के ज़रिये संबोधित किया था... वह (हाफिज़ सईद) उसे (आसिया अंदराबी को) अपनी बहन कहता है..." आसिया अंदराबी के ट्विटर एकाउंट की पड़ताल करने पर पता चलता है कि लश्कर के बहुत से ऑपरेटिव उसे फॉलो किया करते हैं. एक अधिकारी ने कहा, "उनमें से कुछ कश्मीर घाटी में मौजूद सक्रिय आतंकवादी हैं, और कुछ पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में..."

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अधिकारी ने मुताबिक, NIA आसिया के ट्वीट का अनुवाद कर रही है, जो ज़्यादातर उर्दू में लिखे गए हैं. अधिकारी के अनुसार, "वह (आसिया अंदराबी) खुलेआम भारत के खिलाफ लिखती रहती है..." आसिया को लेकर तैयार NIA की फाइलों में लिखा गया है, "साइबरस्पेस में उनकी गतिविधियों से पता चलता है कि वे पाकिस्तानी सरकार से समर्थन हासिल करने के लिए लगातार ठोस अभियान चला रहे हैं, जिसमें बाकी बातों के साथ-साथ पाकिस्तान के आतंकी संगठनों से मदद हासिल करना भी शामिल है..." अधिकारियों के अनुसार, आसिया अंदराबी पर कभी कोई भी आरोप इसलिए नहीं लगाया गया, क्योंकि उसे 'राज्य की ओर से प्रश्रय' दिया जाता रहा है. एख अधिकारी ने कहा, "बहुत बार उसे नज़रबंद किया गया, लेकिन उसे इतनी आज़ादी हमेशा मिली रही कि वह खुलेआम पाकिस्तान में मौजूद भारत-विरोधी तत्वों से जुड़ी रहे..."

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पिछले साल अक्टूबर में तो उसे एक सरकारी पोस्टर में तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ राज्य की 12 सफल महिलाओं में भी स्थान दे दिया गया था. इसके बाद शर्मिन्दा सरकार ने पोस्टर से जुड़े अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की, और खुद को पोस्टर से 'पूरी तरह अलग' करने की घोषणा भी की. अधिकारियों के अनुसार, इस बार उनके पास यह साबित करने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं कि वह कई कॉलेजों की छात्राओं को सड़कों पर आकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए उसका रही थी. अधिकारी ने बताया, "हमारे पास क्वेश्चनिंग के लिए महिला अधिकारियों की टीमें हैं... हमारी हिरासत में पहुंचने के बाद से ही हम उससे लगातार पूछताछ कर रहे हैं..."



आसिया अंदराबी के बेटे विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं. उसका बड़ा बेटा मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) में एम.टेक कर रहा है, और छोटा बेटा मलेशिया में एक इस्लामी यूनिवर्सिटी का छात्र है. आसिया अंदराबी के खिलाफ दर्ज मामलों में हर साल पाकिस्तान दिवस और 14 अगस्त को उनका स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए पाकिस्तानी झंडा फहराने का आरोप भी शामिल है. NIA के अनुसार, इस मामले में करवाई गई FIR के मुताबिक, आसिया अंदराबी ने फसादी विचार तथा भड़काऊ भाषण फैलाने के लिए विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्मों का इस्तेमाल किया, जिससे भारत की अखंडता, सुरक्षा तथा संप्रभुता को खतरा है.

 


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