अपनी शर्तों पर अड़ी JDU, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आज नीतीश कुमार खोल सकते हैं पत्ते

पार्टी के वरिष्ठ  नेता केसी त्यागी ने कहा, ' 2019 के लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में होगी.

अपनी शर्तों पर अड़ी JDU, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आज नीतीश कुमार खोल सकते हैं पत्ते

बिहार के सीएम नीतीश कुमार (फाइल फोटो )

खास बातें

  • बिहार में नीतीश कुमार को चेहरा बनाने पर अड़ी जेडीयू
  • बीजेपी से ज्यादा सीटों की मांग
  • आज जेडीयू की अहम बैठक
नई दिल्ली:

बीजेपी के साथ चल रही खींचतान के बीच नीतीश कुमार आज दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करेंगे. ये बैठक इसलिए अहम है क्योंकि 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में जेडीयू पार्टी का रुख आने वाले वक्त में क्या रहने वाला है ये साफ़ होगा. एनडीए में बिहार में सीटों को लेकर मचे घमासान के बीच इस तरह की अटकलें लगाई जा रही थी कि नीतीश कुमार वापस आरजेडी और कांग्रेस गठबंधन में शामिल होने के इच्छुक हैं. हालांकि उनकी पाटी नेताओं ने इस बात को खारिज कर दिया था.  बैठक के बाद दोपहर में मीडिया को नीतीश कुमार संबोधित कर सकते हैं. इस बैठक के बाद वह एनडीए के अन्य दलों के नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं.   आज होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक इसलिये भी काफी अहम है क्योंकि शनिवार को नीतीश कुमार और पार्टी के सभी बड़े नेताओं के बीच हुई बैठक में साफ कहा गया है कि बिहार में एनडीए का मुख्य चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे और जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में होगी. बीजेपी के साथ सीटों के मुद्दे पर बढ़ते मतभेद की खबरों के बीच जेडीयू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में ज्यादा सीटों पर लड़ने का भी फैसला कर लिया है. 

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पार्टी के वरिष्ठ  नेता केसी त्यागी ने कहा, ' 2019 के लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे में जेडीयू बड़े भाई की भूमिका में होगी. पार्टी और ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.' केसी त्यागी का यह बयान ऐसे समय आया है जब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का बिहार दौरा होने वाला है जहां वह पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे साथ ही उनकी मुलाकात बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष अमित शाह से भी होनी है. केसी त्यागी ने कहा कि अगर बिहार में 2019 के चुनाव के लिये सीटों का समझौता आसानी हो जाता है तो 2020 में विधानसभा चुनाव के लिये कोई दिक्कत नहीं आयेगी. सूत्रों के मुताबिक जेडीयू की ओर से साफ संकेत दिया जा चुका है कि वह कम सीटों पर समझौता करने के लिये तैयार नहीं है. 

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जेडीयू के कई नेताओं ने एनडीए में अपनी पहले की प्रभावशाली स्थिति बहाल करने की मांग की है जैसा 2013 में गठबंधन से नाता तोड़ने से पहले तक उसका प्रभाव था. 2014 के लोकसभा चुनावों में अभूतपूर्व सफलता के बाद बिहार में भाजपा का आधार बढ़ रहा है और वह जदयू को बड़ी पार्टी का दर्जा नहीं मिलने देना चाहेगी. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कुमार 2019 में 15 लोकसभा सीटें हासिल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं. 2014 के आम चुनावों में भाजपा ने राज्य में 40 लोकसभा सीटों में से 22 पर जीत हासिल की थी और उसके गठबंधन सहयोगियों लोजपा और रालोसपा ने क्रमश : छह और तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. जदयू तब केवल दो सीटें जीत सकी थी.
 


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