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खास बातें
- SCO समिट के दौरान पीएम मोदी और इमरान खान के बीच नहीं हुई बातचीत
- रात्रिभोज के दौरान ना ही हाथ मिलाया और ना नजरें मिलाई
- भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय बैठक से इनकार कर दिया था
नई दिल्ली: किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सोरोनबाय जेनेबकोव द्वारा दिए गए अनौपचारिक रात्रिभोज में पीएम मोदी (Narendra Modi) और पाक पीएम इमरान खान (Imran Khan) के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई. एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी. यह रात्रिभोज SCO समिट में शामिल होने वाले नेताओं के लिए गुरुवार को दिया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी और इमरान खान ने दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के अवसर पर आयोजित रात्रिभोज के दौरान ना ही हाथ मिलाया और ना नजरें मिलाई. पीएम मोदी ने शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भारत के रुख को दोहराया कि पाकिस्तान को बातचीत शुरू होने से पहले आतंक के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए.
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विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा, "पाकिस्तान को आतंक से मुक्त माहौल बनाने की जरूरत है, लेकिन इस स्तर पर हम ऐसा नहीं कर रहे हैं. हम इस्लामाबाद से ठोस कार्रवाई करने की उम्मीद करते हैं." बता दें कि चीन पाकिस्तान का सर्वकालिक सहयोगी है. इससे पहले कि पीएम मोदी बिश्केक के लिए रवाना होते, भारत ने पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय बैठक से इनकार कर दिया था. भारत ने कहा है कि सीमा पार से होने वाले आतंक को रोकना चाहिए और संवाद शुरू होने से पहले पाकिस्तान को अपनी धरती से सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने द्विपक्षीय वार्ता को फिर से शुरू करने पर जोर देते हुए एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले अपने भारतीय समकक्षों को अलग-अलग पत्र लिखे थे. पदभार संभालने के बाद भी इमरान खान ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कश्मीर समेत सभी मुद्दों पर बातचीत की मांग की थी. बुधवार को जब मंत्रालय ने साफ किया था कि पीएम मोदी किर्गिस्तान जाने के लिए पाकिस्तान के रास्ते का प्रयोग नहीं करेंगे तो इस्लामाबाद ने कहा था कि उसके एयरस्पेस वीवीआईपी फ्लाइट के लिए खुले थे. पाकिस्तान ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद फरवरी में अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया था.
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बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में सेना के 40 जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद भारत आतंकवाद के मुद्दे पर लगातार पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है. हालांकि पीएम मोदी ने बिश्केक जाने के लिए दूसरे रास्ते का प्रयोग किया था. बता दें कि संघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइजेशन 8 सदस्यों का एक ग्रुप है जिसका नेतृत्व चीन करता है. यह ग्रुप व्यापार और सुरक्षा पर मुख्य रूप से सहयोग करता है.