जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला इन दिनों सोशल मीडिया पर खासे एक्टिव हैं
नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज के मामले के सामने आने के बाद हजारों लोगों पर कोरोनावायरस का संकट मंडरा रहा है. इस मामले का असर सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है. लोग लगातार इस कार्यक्रम को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बहस में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला भी कूद पड़े हैं. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस फैलाने को दोष मुस्लिमों पर नहीं मढ़ा जाना चाहिए. नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस कार्यक्रम के बाद कुछ लोग ऐसा कहेंगे, जैसे मुस्लिमों ने ही कोरोना को पैदा किया और पूरी दुनिया में फैला दिया.
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सोशल मीडिया पर मुस्लिमों को ट्रोल किए जाने को लेकर उमर अब्दुल्ला ने सिलसेलवार कई ट्वीट्स किए हैं. उमर अब्दुल्ला ने लिखा कि 'अब कुछ लोगों के लिए तबलीगी जमात सबसे आसान बहाना बन जाएगा कि वे हर जगह मौजूद मुस्लिमों को गाली दे सकें, जैसे मुस्लिमों ने ही कोरोना पैदा किया हो और पूरी दुनिया में फैला दिया हो. देश के ज्यादातर मुसलमानों ने सरकारी नियमों और सलाहों का ठीक उसी तरह पालन किया है, जैसे कि किसी और ने किया.'
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गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्थित मरकज में एक से 15 मार्च तक तबलीगी जमात में हिस्सा लेने के लिए दो हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे. इसमें देश के अलग-अलग राज्यों और विदेश से कुल 1830 लोग मरकज में शामिल हुए, जबकि मरकज के आसपास व दिल्ली के करीब 500 से ज्यादा लोग थे. तबलीगी जमात की तरफ से प्रेस स्टेटमेंट जारी किया गया है. जिसमें कहा गया कि तब्लीग-ए-जमात 100 साल से पुरानी संस्था है, जिसका हेडक्वार्टर दिल्ली की बस्ती निज़ामुद्दीन में है. यहां देश-विदेश से लोग लगातार सालों भर आते रहते है. ये सिलसिला लगातार चलता है जिसमें लोग दो दिन, पांच दिन या 40 दिन के लिए आते हैं. लोग मरकज में ही रहते हैं और यहीं से तबलीगी का काम करते है.
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