मायावती की मुश्किलें बढ़ीं, SC ने कहा, हाथी की मूर्तियों पर खर्च पैसे वापस खजाने में जमा कराने चाहिये

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाईंट को बता दीजिए की उन्हें मूर्तियों पर खर्च पैसे को सरकारी खजाने में वापस जमा कराना चाहिए.

खास बातें

  • नोएडा में हाथी की मूर्तियों का मामला
  • बढ़ सकती हैं बसपा प्रमुख मायावती की मुश्किलें
  • चीफ जस्टिस ने कहा, पैसे सरकारी खजाने में लौटाने चाहिए
नई दिल्ली :

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बसपा प्रमुख मायावती की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं. दरअसल, नोएडा में लगी हाथी की मूर्तियों के मामले में सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील को कहा कि अपने क्लाईंट को बता दीजिए की उन्हें मूर्तियों पर खर्च पैसे को सरकारी खजाने में वापस जमा कराना चाहिए. CJI ने कहा कि हमारा प्रारंभिक विचार है कि मैडम मायावती को मूर्तियों का सारा पैसा अपनी जेब से सरकारी खजाने को भुगतान करना चाहिए. मायावती की ओर से सतीश मिश्रा ने कहा कि इस केस की सुनवाई मई के बाद हो, लेकिन चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें कुछ और कहने के लिए मजबूर न करें. अब इस मामले में 2 अप्रैल को सुनवाई होगी.

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आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है कि क्या मायावती और बसपा चुनाव चिन्ह की मूर्तिर्यों के निर्माण पर हुए खर्च को बसपा से वसूला जाए या नही. याचिकाकर्ता रविकांत ने मायावती और बसपा चुनाव चिन्ह की मूर्तिर्यों के निर्माण पर सरकारी खजाने खर्च करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट से मांग की मूर्ति निर्माण पर हुए करोड़ों के खर्च को बसपा से वसूला जाए. याचिकाकर्ता रविकांत ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकारी धन को इस तरह नहीं खर्च किया जा सकता. सरकार की कार्रवाई अनुचित थी और इस पर सुनवाई होनी चाहिए. रविकांत ने साल 2009 में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर मूर्ति निर्माण पर हुए करोड़ों के खर्च को बसपा से वसूलने की मांग की थी. 

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