PM मोदी ने संबोधन में कबीर के दोहे और रामचरित मानस का किया जिक्र, दिया यह संदेश...

संत कबीर के दोहे के जरिये पीएम ने यह समझाने की कोशिश की कि जब तक कोरोना की वैक्‍सीन नहीं आती, हमें लड़ाई को रत्‍ती भर कमजोर नहीं पड़ने देना है.

PM मोदी ने संबोधन में कबीर के दोहे और रामचरित मानस का किया जिक्र, दिया यह संदेश...

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में संत कबीर के एक दोहे का जिक्र किया (फाइल फोटो)

खास बातें

  • पीएम ने कहा, जरा भी लापरवाही भारी पड़ सकती है
  • पूरी सफलता मिलने तक काम पूरा नहीं माना जा सकता
  • वैक्‍सीन आने तक कोरोना के खिलाफ जंग कमजोर नहीं पड़नी चाहिए
नई दिल्ली:

PM Narendra Modi's address to the nation: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) ने मंगलवार को देश के नाम संबोधन (Address to the Nation) में देशवासियों से कोरोना के मामले में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरतने की अपील की है. ऐसे समय जब देश में त्‍योहारों का मौसम (Festive Season) है और बाजारों में भीड़ बढ़ रही है और कई जगह सोशल डिस्‍टेसिंग की धज्‍ज‍ियां उड़ने की बात सामने आई है, पीएम ने कहा, लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि लॉकडाउन भले ही चला गया है लेकिन कोरोना वायरस अभी नहीं गया है. उन्‍होंने संत कबीर के दोहे और रामचरित मानस के एक सोरठे के जरिये अपनी बात को समझाने की कोशिश की. 

'यह समय लापरवाही बरतने का नहीं है', PM नरेंद्र मोदी के देश के नाम संबोधन की खास बातें..

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि संत कबीर ने कहा है, 'पकी खेती देखिके, गरब किया किसान. अजहूं झोला बहुत है, घर आवै तब जान..' पीएम ने कहा कि खेत में पकी हुई फसल देखकर किसान कई किसान खुश होता है लेकिन फसल पूरी तरह पककर जब तक घर नहीं आ जाती जब तक काम पूरा हुआ नहीं माना जा सकता. उनके कहने का आशय यह है कि जब तक सफलता पूरी न मिल जाए लापरवाही नहीं करनी चाहिए. संत कबीर के इस दोहे के जरिये पीएम ने यह समझाने की कोशिश की कि जब तक कोरोना की वैक्‍सीन नहीं आती, हमें लड़ाई को रत्‍ती भर कमजोर नहीं पड़ने देना है. 

PM मोदी ने कहा - लॉकडाउन भले ही चला गया हो, लेकिन कोरोना वायरस अभी नहीं गया है
 
कोरोना महामारी और इससे निपटने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर अपनी बात आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रामचरित मानस में अगर कई शिक्षापद बातें है तो चेतावनियां भी हैं. रिपु रुज पावक पाप प्रभु अहि गनिअ न छोट करि...इसका आशय यह है कि शत्रु, रोग, अग्नि, पाप, स्वामी और सर्प को छोटा नहीं समझना चाहिए. रामचरित मानस का जिक्र करते हुए पीएम ने यह संदेश दिया कि पूरा इलाज होने तक बीमारी को हल्‍के में नहीं लेना चाहिए जब तक दवाई नहीं, तब तक ढिलाई नहीं, उन्‍होंने कहा कि त्‍योहार का समय खुशियों मनाने का समय होता है लेकिन छोटी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है. 

लॉकडाउन भले ही चला गया हो, लेकिन वायरस नहीं : पीएम मोदी

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