नई दिल्ली: उत्तर भारत पर किये गये एक अध्ययन में दावा किया गया है कि शहरों की तरह ही ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग भी वायु की खराब गुणवत्ता के कारण अकाल मृत्यु का शिकार हो सकते हैं. अध्ययन में पाया गया है कि शहर के मुकाबले ग्रामीण इलाके में प्रदूषण के स्रोत्रों में अंतर हो सकता है लेकिन परिणाम एक जैसा ही रहता है. उच्च मृत्यु दर परिसंचरण और श्वसन संबंधी समस्याओं से जुड़ी हुई है. कोलंबिया विश्वविद्यालय के ब्लॉग पर यह अध्ययन डाला गया है. अध्ययन में पता चला कि मौत के कारणों में हृदय की बीमारी , मस्तिष्काघात , हृदय की समस्या और फेफड़ा कैंसर जिम्मेदार हैं.
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