न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से जारी वीडियो में प्रियंका गांधी को यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'हां, हम अभी भी नहीं झुकेंगे. हम शांति के साथ पीड़ित परिवारों से मिलने जा रहे थे. मुझे नहीं पता कि ये लोग कहां ले जा रहे हैं. हम लोग कहीं भी जाने के लिए तैयार हैं.'
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आदिवासी किसानों के परिवारों से उन्हें न मिलने देना सत्ता का विवेकहीन प्रदर्शन है और यह यूपी में बीजेपी सरकार की बढ़ती असुरक्षा की भावना को दर्शाता है.'
कांग्रेस ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए कहा, 'यूपी की अजय सिंह बिष्ट सरकार द्वारा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने से जबरन रोकना लोकशाही का अपमान है. बगैर लिखित आदेश और संविधान की मूल भावना के विपरीत अजय सिंह बिष्ट सरकार का यह कदम तानाशाही को दर्शाता है.' इसके साथ ही एक अन्य ट्वीट में लिखा है, 'सोनभद्र हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने जा रही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी अजय सिंह बिष्ट सरकार की तानाशाही का निकृष्टतम उदाहरण है. हम पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए दृढ संकल्पित हैं और भाजपा सरकार के इन ओछे हथकंडों से डरने वाले नहीं हैं.
कांग्रेस नेता राज बब्बर का कहना है, 'यूपी सरकार का रवैया तानाशाही है. प्रियंका सिर्फ 3-4 लोगों के साथ जा रही थीं. कोई सामाजिक व्यक्ति किसी के दुख में शामिल होना चाहता है, लेकिन उसे इसकी मंजूरी भी नहीं दी जाती है. प्रियंका ने पहले ही प्रशासन को इसकी जानकारी भी दे दी थी.'
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पुलिस ने इस सामूहिक हत्याकांड के मामले में 29 लोगों को गिरफ्तार किया है और बाकी आरोपियों को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है. इस मामले में 61 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 50 अज्ञात हैं. एक स्थानीय व्यक्ति लल्लु सिंह की याचिका पर गांव के मुखिया यज्ञदूत व उसके भाई और अन्य पर भी एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
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इस बीच, उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मानसून सत्र के पहले दिन सदन की बैठक शुरू होने से पहले सपा के विधानसभा एवं विधान परिषद सदस्यों ने विधान भवन परिसर में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के सामने धरना दिया. लाल टोपी पहने सपा सदस्यों ने भाजपा को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर घेरा. उन्होंने कहा कि सोनभद्र की हत्याएं और संभल में पुलिसकर्मियों पर हमला भाजपा सरकार के भारी भरकम वायदों की पोल खोलने के लिए काफी है. सपा सदस्यों ने नारेबाजी भी की. उधर, उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में हुई गोलीबारी की घटना पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति आयोग ने गुरूवार को घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बनाई. आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.
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आयोग की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उपाध्यक्ष मनीराम कौल के नेतृत्व वाली आयोग की टीम में रामसेवक खारवार भी सदस्य हैं. टीम घटनास्थल पर जाकर आदिवासियों और घायलों से मुलाकात करेगी और अपनी रिपोर्ट अध्यक्ष बृजलाल को सौंपेगी. बयान में कहा गया कि आयोग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि दोषियों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए, गांव में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात कर आदिवासियों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए और प्रकरण की भलीभांति जांच कराई जाए.आयोग ने कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हो. दोषियों पर गैंगस्टर एक्ट लगाया जाना चाहिए ताकि वे जमानत ना पा सकें.
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