हरिवंश नारायण सिंह बने राज्‍यसभा के उपसभापति, जानें पत्रकार से उनके यहां तक के सफर के बारे में

एनडीए की तरफ से JDU सांसद हरिवंश नारायण सिंह (Harivansh Narayan Singh) राज्यसभा के उपसभापति पद का चुनाव जीत गए हैं.

हरिवंश नारायण सिंह बने राज्‍यसभा के उपसभापति, जानें पत्रकार से उनके यहां तक के सफर के बारे में

हरिवंश नारायण सिंह बने राज्‍यसभा के उपसभापति

नई दिल्ली:

एनडीए की तरफ से JDU सांसद हरिवंश नारायण सिंह (Harivansh Narayan Singh) राज्यसभा के उपसभापति पद का चुनाव जीत गए हैं. एनडीए उम्मीदवार हरिवंश को 125 वोट मिले जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी के हरिप्रसाद को 105 वोट मिले. उपसभापति का पद जेडीयू को देने के पीछे विश्लेषक बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा है. खबरों के मुताबिक यह नाम अमित शाह और नीतीश कुमार के बीच बातचीत के बाद ही तय हुआ था. 2019 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसे बीजेपी द्वारा एनडीए के कुनबे को संगठित रखने की कवायद के रूप में भी देखा जा सकता है. हरिवंश को उम्मीदवार बनाकर BJP यह भी संदेश देना चाहती है कि उसके और JDU के बीच सब कुछ सही है. 

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उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा में 1956 में जन्में हरिवंश ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया है. फिर 1977 में पत्रकारिता में कैरियर की शुरूआत की. हरिवंश ने 1981 से 1984 तक बैंक ऑफ़ इंडिया में नौकरी भी की थी. वह अक्टूबर 1989 तक रविवार पत्रिका में सहायक संपादक भी रहे. टाइम्स आफ इंडिया समूह के सबसे लोकप्रिय साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ के लिए मुंबई में काम किया. इसके बाद कोलकता के आनंद बाजार पत्रिका समूह के साप्ताहिक ‘रविवार’ में काम किया. फिर वर्ष 1990-91 में प्रधानमंत्री कार्यालय में सहायक सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में काम किया. 1990 से जनवरी 2017 तक प्रभात खबर (हिंदी अखबार) के प्रधान संपादक रहे. फिलहाल जदयू से राज्य सभा सांसद हैं.

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हरिवंश वर्ल्ड एडीटर्स फोरम (डब्लूइएफ), एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, एसियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टिट्यूट (आद्री), कामनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिसियेटिव (सीएचआरआइ) समेत कई महत्वपूर्ण संस्थाओं के सदस्य रहे हैं व कुछेक के निदेशक मंडल में भी थे. दुनिया के अनेक देशों की यात्रा भी की है.

हरिवंश द्वारा लिखित और संपादित कई पुस्तके हैं. 
1. झारखंडः समय और सवाल
2. झारखंडः सपने और यथार्थ
3. झारखंडः अस्मिता के आयाम
4. झारखंडः सुशासन अब भी संभावना है
5. जोहार झारखंड
6. संताल हूल
7. झारखंडः दिसुम मुक्तिगाथा और सृजन के सपने
8. बिहारनामा
9. बिहारः रास्ते की तलाश
10. बिहारः अस्मिता के आयाम
11. जनसरोकार की पत्रकारिता
12. शब्द संसार
13. दिल से मैंने दुनिया देखी
14. चंद्रशेखर के विचार
15. चंद्रशेखर संवाद एक- उथल-पुथल और ध्रुवीकरण
16. चंद्रशेखर संवाद दो- रचनात्मक बेचैनी में
17. चंद्रशेखर संवाद तीन- एक दूसरे शिखर से
18. चंद्रशेखर के बारे में 
19. मेरी जेल डायरीः चंद्रशेखर
(भाग एक और भाग दो), दोनों खंडों का संपादन
 


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