दिल्ली की सबसे पुरानी रामलीला में रूस और वेनेजुएला के कलाकार छाए

श्रीराम भारतीय कला केंद्र में रूस, वेनेजुएला औऱ अन्य देशों से आए रामलीला के कलाकारों ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. रूस की एक कलाकार रामलीला में सूर्पनखा की भूमिका निभा रही हैं. 

दिल्ली की सबसे पुरानी रामलीला में रूस और वेनेजुएला के कलाकार छाए

रामलीला में विदेशी कलाकारों की भी धूम.

नई दिल्ली:

दिल्ली (Delhi)के सबसे पुराने रामलीला (Ramleela) केंद्रों में एक श्रीराम भारतीय कला केंद्र में मंचन शुरू हो गया है. इसमें रूस, वेनेजुएला औऱ अन्य देशों से आए रामलीला के कलाकारों ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. रूस की एक कलाकार रामलीला में सूर्पनखा की भूमिका निभा रही हैं. 

64 साल पुराने इस केंद्र में रामलीला का मंचन 27 अक्टूबर तक चलेगा. हालांकि कोविड के प्रोटोकॉल के बीच दर्शकों की संख्या 600-700 की जगह घटकर 100 रह गई है. सभी कलाकारों का भी कोविड टेस्ट कराया गया है.
पद्मश्री विजेता और मंचन की निदेशक शोभा दीपक सिंह ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि हम जुलाई से ही अभ्यास कर रहे हैं औऱ सभी कलाकारों के कोविड टेस्ट के साथ सभी सावधानियां बरती जा रही हैं. शोभा खुद थोड़े दिन पहले कोरोना पॉजिटिव हो गई थीं, लेकिन स्वस्थ होकर दोबारा आयोजन को सफल बनाने में जुट गई हैं.

यह भी पढ़ें- संक्रमण के कारण नोएडा में इस वर्ष नहीं होगी रामलीला

रोज शाम 6.30 से रात 9.30 बजे तक नृत्य और रामलीला का मंचन अगले दस दिनों तक चलेगा. मंच पर दो विशालकाय स्क्रीन भी लगाई गई हैं. इसमें एक में मंचन से जुड़े दृश्य दिखाए जाते हैं. जबकि दूसरे में अगले दृश्यों से जुड़ी कहानियां होती हैं. कलाकार खुद संवाद तो नहीं बोलते हैं, लेकिन उनकी प्रस्तुति के दौरान पीछे से संवाद के साथ संगीत बजता है.
सीता का भूमिका अदा कर रहीं माधवी रस्तोगी ने कहा कि वह इस रामलीला में पिछले 12 साल से अभिनय कर रही हैं. ओडिशी की नर्तक माधवी दूसरी बार देवी सीता की भूमिका में हैं. कक्षा आठ की पढ़ाई के दौरान से ही वह कला केंद्र में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं.

यह भी पढ़ें- ‘अयोध्या की रामलीला' 14 भाषाओं में डिजिटल रूप से होगी उपलब्ध

27 साल की रुसी कलाकार विक्टोरिया पावलुकोवा ने कहा कि वह रामलीला में भागीदारी से उत्साहित हैं. वह रावण की बहन सूर्पनखा की भूमिका निभा रही हैं. वह बंगाल औऱ झारखंड के छाऊ नृत्य में निपुण भी हैं. वेनेजुएला की राधा रानी तीसरी बार रामलीला से जुड़ी हैं. ओडिशा नर्तक राधा का पालन-पोषण तो वेनेजुएला में हुआ, लेकिन उनके माता-पिता हिन्दू धर्म और भगवान कृष्ण से बेहद प्रभावित थे और रोज मंदिर जाते थे. यहीं उनका नाम राधा रानी पड़ा.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

लक्ष्मण बने शिवराम महंत 17 साल से रामलीला मंचन से जुड़े हैं. वह कोविड काल में कलाकारों को रामलीला केंद्र के निकट ही ठहरने की सुविधा देने से खुश हैं. राज्यसभा सांसद के साथ भरतनाट्यम और ओडिशी की प्रसिद्ध नर्तक सोनल मानसिंह ने इस मुख्य अतिथि के तौर पर रामलीला का उद्घाटन किया था.