केंद्र सरकार को घेरने के लिए सोनिया गांधी ने बुलाई 18 दलों की बैठक, ममता - अखिलेश सहित कई नेता ले सकते हैं हिस्सा

सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल संसद का मानसून सत्र खत्म होने पर केंद्र का मुकाबला करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के वास्ते संसद के पुस्तकालय में बैठक करेंगे.

केंद्र सरकार को घेरने के लिए सोनिया गांधी ने बुलाई 18 दलों की बैठक, ममता - अखिलेश सहित कई नेता ले सकते हैं हिस्सा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • सोनिया गांधी ने बुलाई है बैठक
  • 18 दलों को भेजा है न्यौता
  • एनडीए सरकार के खिलाफ बनेगी रणनीति
नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधीकी अगुवाई में 18 विपक्षी पार्टियां आज बैठकर विभिन्न मुद्दों पर राजग सरकार को घेरने के लिए रणनीति तैयार करेंगी. सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल संसद का मानसून सत्र खत्म होने पर केंद्र का मुकाबला करने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के वास्ते संसद के पुस्तकालय में बैठक करेंगे. कांग्रेस प्रमुख की ओर से राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने जदयू के शरद यादव सहित विपक्षी दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के अलावा, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव और सीताराम येचुरी जैसे अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ संभवत: बैठक में हिस्सा ले सकते हैं. शरद यादव के पटना में होने की वजह से अली अनवर अंसारी उनका प्रतिनिधित्व कर सकते हैं.  कांग्रेस, वाम पार्टियां, तृणमूल कांग्रेस, राजद, जदयू, राकांपा, झामुमो, द्रमुक, नेकां, सपा, बसपा, रालोद, जदएस, केरल कांग्रेस, एआईयूडीएफ के अलावा कुछ अन्य दल भी बैठक में हिस्सा ले सकते हैं. 18 विपक्षी पार्टियों ने विभिन्न अहम मुद्दों पर चर्चा करने और ‘एकजुटता’ से सरकार का मुकाबला करने के लिए उनमें बेहतर समन्वय बनाने के वास्ते महीने में एक बार मिलने का फैसला किया था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज यहां पहुंचीं और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से मुलाकात की.

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गौरतलब है कि 'भारत छोड़ो आंदोलन' की 75 वीं वर्षगांठ पर सोनिया गांधी के संसद में दिए गए भाषण को देख ऐसा लग रहा था कि वह उस दिन पुराने में रंग में हैं. आपने भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष ने इशारों-इशारों में आरएसएस पर निशाना साधा था.  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, भारत छोड़ो आंदोलन एक मिसाल बन गया था, लेकिन इसके लिए अनगिनत कुर्बानियां देनी पड़ीं. आज जब हम उन शहीदों को नमन कर रहे हैं, जो स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अगली कतार में रहे, हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि कइयों ने भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध भी किया था, और उनका हमारे देश की आजादी में कोई योगदान नहीं है.

Video :  संसद में सोनिया गांधी का भाषण


इससे पहले गुजरात राज्यसभा चुनाव में प्रतिष्ठा का विषय बन चुकी अहमद पटेल की सीट को जीतने के बाद भी कांग्रेस में थोड़ी-बहुत ऊर्जा का संचार हुआ है. अब देखने वाली बात यह होगी कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ बैठकर कितनी कारगर रणनीति बनाती है.

इनपुट : भाषा 


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