तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने बंगाल के राज्यपाल को हटाने के लिए राष्ट्रपति से लगाई गुहार

तृणमूल कांग्रेस के संसद के दोनों सदनों में पार्टी के पांच वरिष्ठ सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. इनमें सुदीप बंदोपाध्याय, काकोली घोष दस्तीदार, डेरेक ओ ब्रायन और रॉय शामिल हैं.

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने बंगाल के राज्यपाल को हटाने के लिए राष्ट्रपति से लगाई गुहार

तृणमूल सांसदों का आरोप, संवैधानिक मर्यादाओं का पालन नहीं कर रहे हैं राज्यपाल

कोलकाता:

तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress MPs) ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पद से जगदीप धनखड़ को हटाने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) से गुहार लगाई है. बंगाल (West Bengal) की सत्तारूढ़ पार्टी ने आरोप लगाया कि धनखड़ खुले तौर पर प्रशासन और सरकार के खिलाफ टिप्पणी कर संवैधानिक सीमाओं का उल्लंघन कर रहे हैं. संसद के दोनों सदनों में पार्टी के पांच वरिष्ठ सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. इनमें सुदीप बंदोपाध्याय, काकोली घोष दस्तीदार, डेरेक ओ ब्रायन और रॉय शामिल हैं. बीजेपी का कहना है कि राज्यपाल संवैधानिक मर्यादाओं के तहत काम कर रहे हैं. तृणमूल कांग्रेस डरी हुई है.

तृणमूल कांग्रेस ((Trinamool Congress) के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि पार्टी सांसदों की टीम ने मंगलवार को राष्ट्रपति को पत्र भेजा है. इसमें राज्यपाल धनखड़ (Governor Jagdeep Dhankar) की ओर से ऐसे कथित उल्लंघनों की सूची दी गई है. सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि हम राष्ट्रपति से मांग करते हैं कि वह राज्यपाल को हटाएं. तृणमूल सांसद ने कहा, ‘हमने देखा है कि जुलाई 2019 में जब से वह राज्य में आए हैं और रोजारा ट्वीट कर रहे हैं, संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं और चैनलों की चर्चा में शामिल हो रहे हैं. तृणमूल ने कहा, धनखड़ नियमित रूप से बंगाल सरकार के कामकाज, अधिकारियों,  मंत्रियों और मुख्यमंत्री पर टिप्पणी कर रहे हैं. एक बार तो उन्होंने विधानसभा के स्पीकर के आचरण पर भी टिप्पणी की. राज्यपाल का ऐसा प्रत्येक कदम उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रोज दे रहे हैं बयान
तृणमूल सांसद (Trinamool Congress MPs)  ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को असहज करने के लिए धनखड़ बीजेपी सरकार की ओर से इस तरह के बयान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसा पश्चिम बंगाल के 75 साल के इतिहास में नहीं हुआ. अगर उन्हें कुछ कहना है तो वह संविधान में दिए गए तरीके से ऐसा कर सकते हैं न कि ट्वीट या प्रेस वार्ता करके. रॉय ने धनखड़ के उन बयानों को सामने रखा कि जिसमें उन्होंने बंगाल व्यापार सम्मेलन पर हुए खर्च का हिसाब मांगा था. साथ ही 25 आईपीएस अधिकारियों' को कथित धमकी देने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata banerjee) से माफी की मांग की थी. उन्होंने कहा कि राज्यपाल अपने अधिकारों और सीमाओं का उल्लंघन कर रहे हैं.

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राष्ट्रपति का रुख करने का असर नहीं होगा : विजयवर्गीय
BJP के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijaywargiya) ने कहा कि राज्यपाल अपने संवैधानिक कर्तव्य का अनुपालन कर रहे हैं. राज्य सरकार कई मानदंडों पर सही काम नहीं कर रही है. विजयवर्गीय ने कहा, ‘ मैं नहीं मानता कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा राज्यपाल को हटाने के लिए राष्ट्रपति का रुख करने से कोई असर होगा. राष्ट्रपति राज्यपाल की भूमिका पर अपनी समझ से कार्यवाही करेंगे.' राज्यपाल राज्य के प्रमुख होने के नाते संवैधानिक मापदंड़ों के तहत काम कर रहे हैं.



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)