राहुल बजाज के उठाए सवाल के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- 'सबकी सुनती है मोदी सरकार'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में उद्योगपति राहुल बजाज (Rahul Bajaj) के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से पूछे गए सवाल के संदर्भ में कहा कि मोदी सरकार आलोचनाओं को सुनती है और उसका जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहती है.

राहुल बजाज के उठाए सवाल के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- 'सबकी सुनती है मोदी सरकार'

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman).

खास बातें

  • मोदी सरकार सबकी सुनती है और उसका जवाब भी देती है
  • यह कहना गलत कि मोदी सरकार आलोचना नहीं सुनती है
  • राहुल बजाज के 'डर का माहौल' वाले बयान के बाद आया रिएक्शन
नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में उद्योगपति राहुल बजाज (Rahul Bajaj) के गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) से पूछे गए सवाल के संदर्भ में कहा कि मोदी सरकार आलोचनाओं को सुनती है और उसका जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहती है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह कहना गलत है कि मोदी सरकार आलोचना नहीं सुनती है. कार्पोरेट कर में कटौती से जुड़े संशोधन वाले 'कराधान विधि (संशोधन) विधेयक 2019' पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार आलोचना सुनती है और सकारात्मक ढंग से जवाब देती है तथा कदम भी उठाती है. वित्त मंत्री ने एक कार्यक्रम में उद्योगपति राहुल बजाज के 'डर का माहौल' वाले बयान का हवाला देते हुए कहा कि उस जगह गृह मंत्री (अमित शाह) ने पूरा जवाब दिया और जब भी आलोचना होती है तो यह सरकार सुनती है और जवाब देती है.

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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में तो कुछ लोगों ने सबसे खराब वित्त मंत्री कह दिया, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा. मंत्री ने कहा कि यह सरकार और प्रधानमंत्री आलोचनाओं को सुनते हैं और सकारात्मक ढंग से जवाब देते हैं. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सवाल पूछकर भाग जाना कुछ लोगों के डीएनए में है, लेकिन हमारी पार्टी (BJP) में ऐसा नहीं है. कुछ सदस्यों की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि वैश्विक हालात को देखते हुए कुछ तत्काल कदम उठाना था और ऐसे में यह अध्यादेश लाना पड़ा.

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निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जरूरत पड़ने पर अध्यादेश लाए गए हों. 1991-96 के दौरान 77 अध्यादेश और 2004-09 के दौरान 36 अध्यादेश लाए गए थे. यूपीए सरकार के समय जीडीपी आंकड़ों का हवाला देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पहले भी जीडीपी नीचे गिरकर आगे बढ़ी है. कार्पोरेट कर में कटौती से वित्तीय घाटा बढ़ने के कांग्रेस के आरोप को खारिज करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि मोदी सरकार वित्तीय घाटे को चार फीसदी के नीचे रखने में सफल रही है.

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उन्होंने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के दावे का जवाब देते हुए कहा कि अगर सोनिया गांधी के कहने पर सरकार ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर नहीं किया तो फिर कांग्रेस ने 2013 में बाली समझौते पर हस्ताक्षर करते समय सोनिया गांधी की क्यों नहीं सुनी? निर्मला सीतारमण ने कहा कि बाली समझौते को अगर आगे बढ़ा दिया जाता तो फिर किसानों को समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता. उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह में पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बीएसएनल की स्थिति के लिए पूर्व की संप्रग सरकार को जिम्मेवार ठहराते हुए मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार इस कंपनी को मजबूत बनाने के लिए पूरे प्रयास कर रही है.

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(इनपुट: भाषा से भी)