विज्ञापन
Story ProgressBack
This Article is From Jan 21, 2021

पश्चिम बंगाल : असदुद्दीन ओवैसी ने जिन्हें कबूला था अपना नेता, 'पीर अब्बास' ने बनाई अपनी पार्टी ISF

35 साल के मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीक़ी ने अपनी नई पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट का ऐलान किया है. इस पार्टी के सामने आने से पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटबैंक की तस्वीर बदल सकती है. ओवैसी उन्हें साथ लड़ने का ऑफर दे चुके हैं.

Read Time: 4 mins
पश्चिम बंगाल : असदुद्दीन ओवैसी ने जिन्हें कबूला था अपना नेता, 'पीर अब्बास' ने बनाई अपनी पार्टी ISF
असदुद्दीन ओवैसी ने बंगाल में सिद्दीक़ी के नेतृत्व में लड़ने का ऑफर दिया है. (फाइल फोटो)
कोलकाता:

West Bengal Assembly Elections 2021 : पश्चिम बंगाल में गुरुवार को एक नई पार्टी अस्तित्व में आ गई है. गुरुवार को 35 साल के मुस्लिम धर्मगुरू अब्बास सिद्दीकी (Muslim Cleric Abbas Siddiqui) ने अपनी नई पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट (ISF) ऐलान किया है. इस पार्टी के सामने आने से पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटबैंक की तस्वीर बदल सकती है. सिद्दीक़ी (Abbas Siddiqui) की अभी राजनेता के तौर पर हैसियत साबित नहीं हुई है, हालांकि, ऐसी जानकारी है कि वो लगभग 50 सीटों तक अपनी नई पार्टी के नेता उतार सकते हैं. हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ के धर्मगुरू सिद्दीक़ी यहां पर दलित, मटुआ और मुस्लिम समुदाय के बीच मजबूत पकड़ रखते हैं. उन्हें यहां पर 'भाईजान' के नाम से बुलाया जाता है. 

दिलचस्प बात यह है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) उनके नेतृत्व में पश्चिम बंगाल का चुनाव लड़ने का ऑफर दे चुके हैं. वो 3 जनवरी को यहां आए थे और सिद्दीक़ी से मिले थे. ऐसी जानकारी है कि सिद्दीक़ी ने एक वक्त तृणमूल के साथ लड़ने के बदले में 40 सीटों की मांग की थी, जिसे तृणमूल ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने अकेले ही मैदान में लड़ने का फैसला किया.

कुछ तबकों में इस बात की फिक्र है कि अब्बास सिद्दीक़ी तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम वोटबैंक को नुकसान पहुंचा सकते हैं. बंगाल में मुस्लिम टीएमसी के साथ पिछले 10 सालों से बने हुए हैं. लेकिन इस बीच सिद्दीक़ी ने अपने भाषणों से काफी नाम कमाया है, जो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किए जाते हैं.

यह भी पढ़ें: बंगाल: शुभेन्दु अधिकारी के रोड शो में लगा था 'गोली मारो' का नारा, तीन BJP कार्यकर्ता गिरफ्तार

वहीं कुछ लोगों को लगता है कि उनके प्रभाव को जरूरत से ज्यादा आंका जा रहा है. उनका कहना है कि वो धार्मिक नेता के तौर पर वो प्रभावी हो सकते हैं, लेकिन राजनीति में नहीं. बता दें कि पश्चिम बंगाल में मुस्लिम वोटों में तबसे सेंध लगने की बात हो रही है, जबसे बिहार विधानसभा चुनावों में कुछ सीटें जीतने के बाद से ओवैसी ने बंगाल में चुनाव लड़ने की घोषणा की है. कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इसके बाद से यहां मुस्लिम वोट बैंक संगठित हो गया है.

हाल ही में अपने एक वायरल हुए भाषण में सिद्दीक़ी ने कहा था, 'हम ही हैं, जो बीजेपी को बंगाल में लड़ाई में रख रहे हैं. 2021 में, बंगाल की लड़ाई में बीजेपी और अब्बास सिद्दीक़ी के बीच होगी. टीएमसी बस हमें बेवकूफ बना रही है....वो बीजेपी को बस डर की तरह पेश कर रही है. एक ओर अब्बास सिद्दीक़ी और मुस्लिम, दलित, आदिवासी, मटुआ और गरीब हिंदू हैं. वहीं दूसरी ओर से फासीवादी सरकार है. तृणमूल अभी 70-80 नेता ओर खोएगी. 70-80 मुस्लिम उम्मीदवार देने का कोई फायदा नहीं है. कुछ 40-50 अच्छे मुस्लिम उम्मीदवार भी सबकुछ बदल सकते हैं.'

TMC की रैली में हिंसक नारेबाजी, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई!

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
कौन हैं मोहम्मद मोखबर, जो ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने हैं?
पश्चिम बंगाल : असदुद्दीन ओवैसी ने जिन्हें कबूला था अपना नेता, 'पीर अब्बास' ने बनाई अपनी पार्टी ISF
पुणे : बेवफाई के शक में एक शख्स ने पत्नी को बुरी तरह पीटा, प्राइवेट पार्ट में ताला लगा दिया
Next Article
पुणे : बेवफाई के शक में एक शख्स ने पत्नी को बुरी तरह पीटा, प्राइवेट पार्ट में ताला लगा दिया
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com
;