JNU में बवाल: कैंपस के बाहर पहुंचे योगेंद्र यादव के साथ हुई धक्का मुक्की, देखें VIDEO  

योगेंद्र यादव ने खींचतान करने से मना किया तो पुलिसकर्मियों न उन्हें जबरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश की.

नई दिल्ली:

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में रविवार शाम हुए बवाल के बाद कैंपस के बाहर पहुंचे स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव के साथ धक्का मुक्की की खबर है. घटना उस समय की है जब वह जेएनयू मेन गेट के बाहर मीडिया से बात कर रहे थे और आरोप लगा रहे थे कि यह सब कुछ पुलिस के साथ मिलकर हो रहा है. इसी दौरान दिल्ली पुलिस के जवानों ने उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की. जब योगेंद्र यादव ने खींचतान करने से मना किया तो पुलिसकर्मियों न उन्हें जबरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश की. इसी दौरान योगेंद्र यादव सड़क पर गिर गए. धक्का मुक्की के बाद योगेंद्र यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें रोका जा रहा है लेकिन दिल्ली पुलिस के लोग उन्हें नहीं रोक पा रहे हैं जो यहां खुलेआम हिंसा कर रहे हैं. 

बता दें कि देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक बार फिर बवाल हुआ है. खबर है कि चेहरे पर नकाब बांधे कुछ लोगों ने जेएनयू कैंपस के अंदर छात्रों और शिक्षकों पर हमला कर दिया. हमले में छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष बुरी तरह घायल हो गईं हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शाम करीब 6:30 बजे लगभग 50 गुंडे जेएनयू कैंपस में में घुस आए और छात्रों पर हमला करना शुरू कर दिया. इन लोगों ने कैंपस में मौजूद कारों को भी निशाना बनाया और हॉस्टल में भी तोड़फोड़ की. जेएनयू के प्रोफेसर अतुल सूद ने NDTV को बताया कि इन हमलावरों में हॉस्टल पर पत्थरबाजी की और यूनिवर्सिटी की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया. 15 छात्रों को एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है. 

JNU में फिर बवाल- चेहरे पर नकाब बांधे लोगों ने छात्रों और टीचरों पर किया हमला, कई गंभीर रूप से घायल

वहीं, छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने बताया कि चेहरे पर नकाब डाले लोगों ने उनपर हमला किया और बुरी तरह से पिटाई की. इस हमले में उनके सिर पर गहरी चोट आई है. वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि 50 से ज्यादा की संख्या में लोग नकाब बांधकर कैंपस में घूमते दिख रहे हैं, जिनके हाथों में हॉकी स्टीक, रॉड और बल्ला दिखाई दे रहा है. उधर, लेफ्ट ने एबीवीपी पर मारपीट का आरोप लगाया है.

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जेएनयूटीए के सचिव सुरजीत मजूमदार ने NDTV से बात करते हुए कहा, 'हम विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति को इस हालात के लिए जिम्मेदार मानते हैं. आज हॉस्टल के अंदर कोई भी सुरक्षित नहीं है. कई शिक्षक भी गंभीर रूप से घायल हैं. मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि जिस तरह से कुलपित इस विश्वविद्यालय को चला रहे हैं उससे हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. यूनिवर्सिटी में लोकतांत्रिक प्रक्रिया दिन पर दिन खत्म होती जा रही है.

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वहीं, जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन के विक्रमादित्य ने कहा कि, मेरी वाइफ को भीड़ ने दौड़ाया है. हमारे घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की गई है. हमें धमकी दी गई है कि हम रात में वापस आएंगे और घर को आग लगा देंगे. हमनें पुलिस को फोन किया न अभी तक कोई पुलिस आई न ही कोई कॉल बैक आया. हमारे लिए पुलिस नहीं आ रही है. बीते दो घंटे से न तो जेएनयू की सिक्यूरिटी आई है और न ही पुलिस आई है. जेएनयू की सिक्यूरिटी को मैंने कॉल किया कि मेरे घर पर हमला हुआ है, लेकिन न तो वो आए न ही उन्होंने आगे पुलिस को बुलाया.