Independence Day: क्या आप जानते हैं राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर?

भारत की आजादी के बाद से 15 August को हर साल Independence Day मनाया जाता है.स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंड़ा (National Flag) फहराते हैं और फिर राष्ट्रगान (National Anthem) गाया जाता है.

Independence Day: क्या आप जानते हैं राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत में अंतर?

15 August 2018: 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है.

खास बातें

  • राष्ट्रगान को रबिन्द्रनाथ टैगोर ने लिखा था.
  • वंदे मातरम की रचना बंकिम चन्द्र चटर्जी ने की थी.
  • राष्ट्रगान को गाने और बजाने को लेकर कई नियम है.
नई दिल्ली:

Independence Day 2018: 15 अगस्त 1947 में भारत की आजादी की घोषणा के बाद हर साल 15 अगस्त (15 August) को आजादी का जश्न मानाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झंड़ा (National Flag) फहराते हैं और फिर राष्ट्रगान (National Anthem) गाया जाता है. राष्ट्रगान (National Anthem) के आलावा राष्ट्रगीत (National Song) में भी कई अवसरों पर गाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रगान (National Anthem) और राष्ट्रगीत (National Song) में क्या अंतर है? आज हम आपको राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत का अंतर बताने जा रहे हैं.

आइये जानते हैं राष्ट्रगान (National Anthem) और राष्ट्रगीत (National Song) में अंतर

राष्ट्रगान (National Anthem)

राष्ट्रगान को रबिन्द्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) ने लिखा था. संविधान सभा ने ''जन-गण-मन'' को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रगान (National Anthem) के रूप में स्वीकार किया था. राष्ट्रगान को पहली बार साल 1911 में कोलकाता में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में गाया गया था. 

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राष्ट्रगान देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति और उसके लोगों का बखान करता है. राष्ट्रगान (National Anthem) जन-गण-मन को संवैधानिक दर्जा प्राप्त है. राष्ट्रगान को गाने और बजाने को लेकर कई नियम है. इन नियमों का पालन न करने पर जेल और जुर्माने का प्रावधान है.

राष्ट्रगीत (National Song)
भारत का राष्ट्रगीत वंदे मातरम है. वंदे मातरम की रचना बंकिम चन्द्र चटर्जी ने की थी. वंदे मातरम बंगाली भाषा के उपन्यास आनंदमठ (अभय आनंद) में लिखी कविता थी. वंद मातरम को रवींद्रनाथ टैगोर ने स्वरबद्ध किया और साल 1896 में पहली बार कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में यह गीत गाया गया. 24 जनवरी, 1950 को वंदे मातरम को राष्ट्रगीत (National Song) का दर्जा दिया गया.

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वंदे मातरम देशभक्ति की भावना से भरा एक गीत है जो लोगों को आपस में बांधे रखता है. लेकिन वंदे मातरम को लेकर कोई नियम या कानून नहीं है इसे आप कही भी कैसे भी गा सकते हैं.
 


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