कोलकाता के घाटों में 30 साल बाद डॉल्फिन को देखा गया है
नई दिल्ली: लॉकडाउन (Lockdown) के चलते भले ही दुनिया थम गई हो और सामाजिक व आर्थिक समस्याएं खड़ी हो गईं हों, लेकिन धरती मां को अपने घावों पर मलहम लगाने का जरूरी मौका मिल गया है. हवा साफ हो गई है, नदियों का प्रदूषण कम हो गया है और पक्षियों की चहचहाट से पूरा माहौल गूंज रहा है. कछुए प्रजनन के लिए समुद्र तट की ओर लौट रहे हैं और मोर मुंबई की सड़कों पर घूम रहे हैं. इस बीच कोलकाता में लगभग 30 साल बाद डॉल्फिन को उछलते-कूदते देखा गया है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कोलकाता के घाटों पर 'गंगा डॉल्फिन' को अठखेलियां करते देखा गया है. आपको बता दें कि नदियों में बढ़ते प्रदूषण के चलते मीठे पानी में रहने वाली 'गंगा डॉल्फिन' के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. केंद्र सरकार ने साल 2009 में गंगा डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था.
वरिष्ठ पर्यावरण कार्यकर्ता बिस्वजीत रॉय चौधरी का दावा है कि लॉकडाउन की वजह से हुगली नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. यही वजह है कि डॉल्फिन यहां वापस लौट रही हैं. उन्होंने बाबूघाट में कुछ डॉल्फिन को खेलते हुए देखा.
उनके मुताबिक, "मुझे यादा है कि 30 साल पहले ये डॉल्फिन कोलकाता के अलग-अलग घाटों पर दिखाई देती थीं. फिर जल प्रदूषण बढ़ने से ये गायब हो गईं. डॉल्फिन के वापस आने का मतलब है कि हुगली नदी के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है."
आपको बता दें कि 'गंगा डॉल्फिन' दुनिया में डॉल्फिन की एकमात्र प्रजाति है जो स्वच्छ और मीठे पानी में पाईं जाती हैं.
बहरहाल, यही वह समय है जब हमको यह सोचना चाहिए कि प्रकृति और इंसान के अस्तित्व को साथ-साथ कैसे बचाया जा सकता है.
दुनिया में
67,69,38,430मामले
62,55,71,965सक्रिय
4,44,81,893ठीक हुए
68,84,572मौत
कोरोनावायरस अब तक 200 देशों में फैल चुका है. January 9, 2024 10:54 am बजे तक दुनियाभर में कुल 67,69,38,430 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 68,84,572 की मौत हो चुकी है. 62,55,71,965 मरीज़ों का उपचार जारी है और 4,44,81,893 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. .
भारत में
4,50,19,214 475मामले
3,919 -83सक्रिय
4,44,81,893 552ठीक हुए
5,33,402 6मौत
भारत में, 4,50,19,214 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 5,33,402 मौत शामिल हैं. January 9, 2024 8:00 am बजे तक भारत में सक्रिय मामलों की संख्या 3,919 है और 4,44,81,893 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.
राज्यवार व जिलावार विवरण